गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है और छुट्टियाँ भी शुरू हो चुकी हैं. अगर आप कहीं घूमने जाने की तैयारी कर रहे हैं तो इस बार छत्तीसगढ़ के मैनपाट जाएँ. ज्यादातर लोग गर्मियों की छुट्टियाँ मनाने पहाड़ी क्षेत्रों में जाना पसंद करते हैं लेकिन अगर आप मैनपाट जायेंगे तो बिलकुल शिमला जैसा फील आयेगा.
जहाँ हिलती है धरती:
मैनपाट को छत्तीसगढ़ का शिमला भी कहा जाता है. मैनपाट के पास एक जगह है जलजली जहां की मिटटी बहुत काफी नर्म है. इस जगह पर अगर आप कूदते हैं तो यह गद्दे की तरह हिलती है. इसी कारण पर्यटकों में ये जगह मशहूर भी है.
घूमने के लिए ख़ास जगहें:
मैनपाट जोकि छत्तीसगढ़ में स्थित है इसे मिनी शिमला भी कहा जाता है. यहाँ पर घूमने के लिए काफी सारी जगहे मशहूर हैं. मैनपाट की खास बातों में शामिल है आलू का पठार, शिमला सा मौसम, तिब्बतियों का बसेरा, हिलती हुई धरती, जमीन पर उमड़ते-घुमड़ते बादल.
यहाँ का टाइगर पॉइंट काफी प्रचलित है. यहाँ के खूबसूरत झरने आपको प्रकृति से प्यार करने पर मजबूर कर देंगे. इस जगह को टाइगर पॉइंट कहे जाने के पीछे भी एक खास वजह शामिल है. जब यहाँ के झरने तेज़ी से गिरते हैं तो शेर के गरजने जैसी आवाज आती है.
मैनपाट से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है जलजली. यह जगह इस लिए लोगों को अपनी ओर खीच लती है क्युकी यहाँ की धरती हिलती है. दरअसल इस क्षेत्र के दो से तीन एकड़ जमीन अन्दर बहुत अधिक दलदली हैं. यहाँ की मिटटी के बहुत अधिक नर्म होने के कारण ये उछाल होता है. जब आप यहाँ की जमीन पर कूदेंगे तब आपको लगेगा की जैसे आप किसी गद्दे पर कूद रहे हो.
माना जाता है कि मैनपाट में पुराने समय में आकार कुछ तिब्बती शरणार्थी आकार बसे थे. उसके सुबूत आज भी यहाँ पर मिलते हैं. मैनपाट के अलग-अलग कैंपों में रहने वाले ये तिब्बती यहां टाऊ, मक्का और आलू की खेती करते हैं. यहां के मठ-मंदिर, लोग, खान-पान, संस्कृति सब कुछ तिब्बत के जैसी है, इसलिए इसे मिनी तिब्बत के नाम से भी जाना जाता है.
कैसे पहुंचे मैनपाट?
यहाँ आप सड़क मार्ग द्वारा भी जा सकते हैं और हवाई मार्ग भी यहाँ जाने के लिए बेहतर विकल्प है. अगर मैनपाट जाने की पलन्निनग आप कर रहे हैं तो जून से सितम्बर तक का समय सबसे ठीक रहेगा.