गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में समाजवादी पार्टी को भारी अंतर से ऐतिहासिक जीत मिली है। इस जीत से जहाँ समाजवादी पार्टी में एक नयी जान आ गयी है तो वहीँ भाजपा में अब बगावतों का दौर शुरू हो गया है। दोनों सीटों पर मिली हार के लिए पूर्व भाजपा सांसद रमाकांत यादव ने सीधे तौर पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहरा दिया है। इन दिनों आजमगढ़ के बाहुबली रमाकांत यादव के जल्द भाजपा छोड़ सपा में जाने की खबरें आना तेज हो गयी हैं। मगर इन खबरों के साथ ही रमाकांत यादव के फिर से समाजवादी पार्टी में आने का अब पार्टी के 3 बड़े नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है जिससे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ गयी हैं।

सपा में हो सकते हैं शामिल :

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ से चुनाव न लड़ने का ऐलान कर सपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सपा के पास अभी ऐसा कोई नेता नहीं को 2019 में मुलायम का विकल्प बन सके। ऐसे में सपा ने भी बाहुबली रमाकांत यादव को अपने पाले में लाने की तैयारी शुरू कर दी है। महाराष्ट्र सपा अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी अपने गृहनगर आजमगढ़ पहुंचे हुए थे। इस दौरान उन्होंने रमाकांत यादव के ख़ास लोगों के साथ मीटिंग की और उनके सपा में आने के प्रयास करना शुरू कर दिया है। इस पर पूर्व सांसद ने कहा कि अबू आसिम मेरे शुभचिंतक हैं और उन्होंने मेरे बारे में जो सोचा, अच्छा ही सोचा होगा। ऐसे में उनकी सपा में वापसी की खबरें आना शुरू हो गयी हैं।

ये नेता कर रहे विरोध :

भाजपा के पूर्व सांसद रमाकांत यादव अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयान दे रहे हैं। उन्हें एक उम्मीद है कि शायद सपा उन्हें शामिल कर ले मगर उपचुनावों में जीत के बाद अब सपा में रमाकांत की वापसी का विरोध होने लगा है। खबरें है कि सपा के बलराम यादव, पूर्व विधायक श्याम बहादुर यादव सहित आधा दर्जन नेता बाहुबली की सपा में वापसी का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में आख़िरी फैसला तो अब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को करना होगा।

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