रोजाना सुबह उठने पर क्या आपको थकान महसूस होती है…?? अगर आपका जवाब हां है तो आप मानसिक विकार से पीड़ित हो सकते हैं। सुबह होने वाला डिप्रेशन मेलनकोलिया जैसे मानसिक विकार होने का एक अहम लक्षण हैं।
सुबह में थकान मतलब मॉर्निंग डिप्रेशन :
- रोजाना सुबह होने वाले थकान को मॉर्निंग डिप्रेशन कहा जाता है।
- मॉर्निंग डिप्रेशन तब होता है जब व्यक्ति किसी गहरी सोच में चला जाए।
- सुबह होने वाले थकान और डिप्रेशन में व्यक्ति उदासी, गुस्सा और थकान चरम पर होता है।
- इस तरह की भावना को व्यक्ति दोपहर और शाम की बजाय सुबह-सुबह महसूस करता है।
मॉर्निंग डिप्रेशन के क्या हैं लक्षण ?
- मॉर्निंग डिप्रेशन होने पर व्यक्ति के अंदर कई तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जैसे
- सुबह सोकर उठते समय बिस्तर से उठने पर बहुत ज्यादा दिक्कत होना।
- सुबह-सुबह ठीक से खड़े न हो पाना और शरीर में ऊर्जा की कमी को महसूस करना।
- सुबह के समय काफी ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाना।
- पूरे दिन मतलब सुबह से लेकर शाम तक थकावट महसूस करना।
- साथ ही पूरे दिन भूख न लगना इत्यादि है।
मॉर्निंग डिप्रेशन से ऐसे पाएं निजात :
- सुबह में होने वाले मानसिक विकार से निजात पाने के लिए आप ईटीसी और टॉक थेरेपी की मदद ले सकते हैं।
- एल्क्ट्रोकांवुल्सिव थेरेपी (ईटीसी)- मानसिक विकार में यह थेरेपी काफी असरदार है।
- इस थेरेपी में व्यक्ति के दिमाग में कुछ खास तरह के करंट पास किये जाते हैं।
- डिप्रेशन के जो प्रमुख लक्षण को यह करंट दिमाग की केमेस्ट्री को बदल देता है।
- इस तरह की थेरेपी का प्रयोग व्यक्ति को हल्के से बेहोशी में दिया जाता है जब व्यक्ति नींद में होता है।
- टॉक थेरेपी- यह एक तरह का इंटरपर्सलन थेरेपी है।
- इस थेरेपी के माध्यम से व्यक्ति से उन दिक्कतों व कारणों के बारे में पता लगाया जाता है।
- जिसकी वजह से डिप्रेशन जैसे विकार देखने को मिलते है।
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