पाकिस्तान के पेशावर में करीब 1 लाख पश्तूनों ने सरकार के खिलाफ रविवार को बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। लोगों ने रैली निकालकर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए मांग की है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय संघीय प्रशासन जनजातीय क्षेत्रों में जो हालात बिगड़ रहे हैं, उसमें हस्तक्षेप किया जाए।
करीब 1 लाख पश्तूनों ने किया पाक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन:
रविवार को पाकिस्तान में एक लाख पश्तूनों ने सरकार के खिलाफ रैली निकाली। वे अंतरराष्ट्री समुदाय से संघ प्रशासित कबायली इलाके (फाटा) में युद्ध अपराध मामलों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग कर रहे थे। पाकिस्तान में हो रहे प्रदर्शन को वहां की मीडिया ने भी कवर नही किया। इस पर लोगों ने ट्विटर पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। इस पर मीडिया की निंदा की जा रही है। पाकिस्तान के प्रसिद्ध लेखकों ने भी ट्विटर के माध्यम से अपना गुस्सा जाहिर किया है।
एक वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार ने सामने आकर पश्तूनी लोगों का साथ दिया है। उन्होंने इस आंदोलन का समर्थन करते हुए उनके अधिकारों की मांग की है। साथ ही उन्होंने अन्य लोगों से भी इस आंदोलन में साथ देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि आज मुझे मीडिया के ब्लैकआउट के लिए एक पत्रकार के रूप में शर्म महसूस हो रही है। मैं इस मार्च का समर्थन करता हूं और सभी को इसका हिस्सा बनने का आग्रह करता हूं। उन्होंने इसके लिए हैज टैग भी चलाया। # PashtunLongMarch2Peshawar
एक अन्य पत्रकार ने ट्वीट करके करा कि “मीडिया ब्लैकआउट पाकिस्तानी नागरिकों के मौलिक अधिकार के चेहरे पर एक दाग है।”
बता दें कि पश्तून संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों (एफएटीए) से युवा पश्तों के नेतृत्व में एक विरोध आंदोलन है, जहां वे लंबे समय तक सैन्य अभियानों के लक्ष्य, आंतरिक विस्थापन, जातीय रूढ़िवादी और सुरक्षा बलों द्वारा अपहरण कर रहे हैं।
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