भारतीय महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर ने रियो ओलम्पिक की जिम्नास्टिक स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश कर महिला जिमनास्ट का एक नया अध्याय लिख दिया है। दीपा के इस कारनामे से परिवार और पूरे त्रिपुरा में जश्न का माहौल है। किसी भारतीय महिला एथलीट ने 52 वर्षो के बाद ओलम्पिक खेलों की जिम्नास्टिक स्पर्धा में प्रवेश कर एक नया इतिहास रचा है।
दीपा ने बढ़ाया सबका मान :
- दीपा के पिता दुलाल करमाकर ने बताया कि ओलम्पिक के फाइनल में दीपा के पहुंचने की ख़ुशी न सिर्फ हमें है बल्कि हर भारतीय विशेषकर त्रिपुरा के लोगो को भी है।
- यह सब बोलते समय उनकी आँखे खुशी के आंसुओं से भर गयी थी।
- त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मणिक भी खेल प्रेमी हैं और उन्होंने बताया कि यह गर्व और जश्न मनाने का वक्त है। मैं दीपा को उसके अगले मुकाबले के लिए शुभकामनाएं देता हूँ।
साहस को सलामः दीपा कर्माकर बनी ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय जिमनास्ट !
- त्रिपुरा के खेल मंत्री शाहिद चौधरी ने कहा हम सभी भारतवासी उनके 14 अगस्त को होने वाले फाइनल में उनकी सफलता की कामना करते हैं।
- सम्पूर्ण भारत को उनके इस कार्य पर गर्व है।
- दीपा को पिछले साल केंद्र सरकार ने अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
गौरतलब है कि भारत ने 52 साल पहले 1964 सेओलंपिक के जिमनास्टिक में हिस्सा लेना शुरू किया था। अब तक 11 पुरुष जिमनास्ट ओलम्पिक खेलों में हिस्सा ले चुके हैं।
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