पिछले कुछ सालों से सोशल मीडिया अभिव्यक्ति का सबसे बड़ा माध्यम बना हुआ है। आज कल की इन्सानी जिन्दगी सोशल मीडिया के इर्दगिर्द ही घूमती हुई दिखाई देती है। फेसबुक, ट्वीटर जैसी सोशल नेटवर्किग की साइडो ने पूरी दुनिया में रह रहे लोगो को एकदूसरे से जोड़ दिया है। एक तरफ तो ऐसा कहा जा रहा है कि आने वाला दौर पूरी तरह से सोशल नेटवर्क का होगा तो दूसरी तरफ एक ताजा अध्ययन ये बताता है कि फेसबुक और ट्विटर तथा पेशेवर सोशल प्लेटफॉर्म लिंक्डइन के बारे में लोगों का रुख पहले के मुकाबले अधिक नकारात्मक हुआ है। वेबसाइट ‘बिजजर्नल्स डॉट कॉम’ के अनुसार, अमेरिकन कंज्यूमर सेटिस्फैक्शन इंडेक्स (एएससीआई) ने सर्च इंजनों पर व्यक्त किए गए विचारों, समाचारों, सोशल मीडिया साइट और अन्य ई-कारोबार प्लेटफॉर्म का विश्लेषण किया और पाया कि फेसबुक, ट्विटर और लिंक्डइन के प्रति लोगों का रुख पहले के मुकाबले अधिक नकारात्मक हुआ है।
फेसबुक और ट्विटर के उपयोग में सर्वाधिक गिरावट दर्ज की गई, जो क्रमश: नौ फीसदी और आठ फीसदी है। दुनिया की इन अग्रणी सोशल साइटों के प्रति उपयोगकर्ताओं के रुझान में आई कमी के कारण विज्ञापनदाता अपना पैसा कहीं और लगाने को मजबूर हुए हैं।
एएससीआई के चेयरमैन क्लेज फोर्नेल के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, “उपभोक्ता ऑनलाइन सेवाओं के लिए विज्ञापनों को आवश्यक लागत के रूप में स्वीकार नहीं कर सका है। वह इन्हें नि:शुल्क मानता हैं। इस धारणा को बदलने में कंपनियां कुछ खास नहीं कर सकती हैं। वे यही सुनिश्चित कर सकती हैं कि उपभोक्ताओं को सामयिक और बिना विघ्न के विज्ञापन दिखाए जाएं।”
गौरतलब है कि फेसबुक ‘बनावटी’ खबरों को लेकर विवाद में रहा है और उस पर ‘ट्रेंडिंग न्यूज’ में राजनीतिक पक्षपात का आरोप भी लग चुका है। ऐसी खबरें आई थीं कि फेसबुक के ट्रेंडिंग न्यूज में रुढ़ीवादी स्रोतों से आई खबरों को किनारे कर दिया था। हालांकि, फेसबुक ने इसका खंडन किया था।