जल रही जेब ।
निकल रहा तेल ।।
पेट्रोल और डीज़ल ।
बंद करो खेल ।।
दुनिया से ना मतलब ।
दो हमें राहत ।।
बढ़ रही चिंता ।
ये कैसी आहट ?
अनवरत चढ़ाई ।
ये कैसा बाज़ार ?
जब तुम थे विपक्ष ।
भूल गये सरकार ?
जल रही जेब ।
निकल रहा तेल ।।
पेट्रोल और डीज़ल ।
बंद करो खेल ।।
दुनिया से ना मतलब ।
दो हमें राहत ।।
बढ़ रही चिंता ।
ये कैसी आहट ?
अनवरत चढ़ाई ।
ये कैसा बाज़ार ?
जब तुम थे विपक्ष ।
भूल गये सरकार ?