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जब से आजाद भारत में नोटों का चलन शुरू हुआ है तभी से इस पर भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की तस्वीर बनी हुई है। महात्मा गाँधी ने भारत को आजादी दिलाने में एक ख़ास भूमिका भी निभाई थी जिसके कारण सभी देशवासियों के दिलो में उनके लिए एक अलग और ख़ास सम्मान है। भारत सरकार द्वारा भी राष्ट्रपिता को सम्मान देने के लिए उनकी तस्वीर को नोट पर लगाकर उन्हें सम्मानित किया गया। मगर शायद किसी को पता नहीं होगा कि इसी नोट (indian notes) पर महात्मा गाँधी के पहले किसकी तस्वीर बन कर आती थी।
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आजादी के बाद से है तस्वीर (indian notes) :
- भारत को आजादी मिलने के बाद से ही यहाँ की नोटों का रूप और आकार भी बदल दिया गया था।
- इसमें पहले इस्तेमाल की जाने वाली तस्वीर की जगह अशोक स्तम्भ को लगाया जाने लगा।
- साल 1949 से ही भारतीय नोटों पर अशोक स्तम्भ की तस्वीर देखने को मिल रही थी।
- 1996 के आते-आते इस पर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा गाँधी जी की तस्वीर छपने लगी थी।
- नोटों में महात्मा गाँधी की तस्वीर लार्ड पेथिक के साथ मुलाकात के समय की छपी हुई है।
- जब तक भारत में अंग्रेजो का राज था तब तक महात्मा गाँधी की तस्वीर इस पर नहीं थी।
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- अंग्रेजो के शासनकाल में ब्रिटेन की महारानी और इनके राजा की तस्वीर भारतीय नोटों पर होती थी।
- मगर देश के आजाद होते ही इन दोनों तस्वीरो वाली नोटों का चलन एकदम बंद कर दिया गया था।
- इसके स्थान पर अशोक स्तम्भ वाली नोट का चलन उपयोग में लाया जाने लगा था।
- ब्रिटिश शासनकाल में चलने वाले नोट और चेकबुक में उस समय ज्यादा फर्क नहीं होता था।
- असल में ये सभी नोट एक तरफ छपे और दूसरी तरफ से सफ़ेद यानी खाली होते थे।
- इसके अलावा हमारी भारतीय नोट पर 17 भाषाएँ अंकित की हुई होती है।
- सामने की तरफ ही राष्ट्रभाषा हिंदी और अंग्रेजी में नोट की कीमत लिखी होती है।
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