करो पुलिस सुधार ।
सबका पड़ता पाला ।।
वर्तमान ज़रूरत ।
प्रस्तुति निराला ।।
असाध्य बना मर्ज़ ।
दिशाहीन प्रशिक्षण ।।
समाज रहा निहार ।
तत्पर हर क्षण ।।
आलोचना का दौर ।
ना लगती मित्र ।।
सियासी दुरूपयोग ।
स्थिति विचित्र ।।
करो पुलिस सुधार ।
सबका पड़ता पाला ।।
वर्तमान ज़रूरत ।
प्रस्तुति निराला ।।
असाध्य बना मर्ज़ ।
दिशाहीन प्रशिक्षण ।।
समाज रहा निहार ।
तत्पर हर क्षण ।।
आलोचना का दौर ।
ना लगती मित्र ।।
सियासी दुरूपयोग ।
स्थिति विचित्र ।।