2019 के लोकसभा चुनावों में काफी कुछ नया देखने को मिल सकता है। एक तरफ जहाँ भाजपा दलितों और अन्य वर्गों में नाराजगी को लेकर रणनीति बना रही है तो वहीँ विपक्षी दल भाजपा की इसी कमजोरी को हथियार बनाकर उसका चुनावी इस्तेमाल करने में लगे हुए हैं। इस बीच यूपी में लोकसभा चुनावों के पहले समाजवादी पार्टी को भाजपा बड़ा झटका देती हुई दिख रही है। समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े गढ़ इटावा में पहुंचे डिप्टी सीएम केश्वाव प्रसाद मौर्या से मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी नेता ने मुलाकात की है जिसके बाद नयी चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं।
इटावा पहुंचे डिप्टी सीएम:
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एक दिवसीय दौरे पर समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े गढ़ इटावा पहुंचे थे। उन्होंने लोक निर्माण विभाग की 5 सड़कों के साथ 19 आंगनबाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण किया। डिप्टी सीएम ने बताया कि 2017-18 में जो सड़कें तैयार हुई हैं उन पर 3981.73 लाख रुपए खर्च किया गया है। केशव मौर्य ने कहा कि समाजवादी पार्टी तथा बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन 2019 में फेल होगा। भाजपा उत्तर प्रदेश के 73 से अधिक सीट जीतकर एक बार फिर से केंद्र में सरकार बनाएगी। विधान सभा चुनाव में सपा का कांग्रेस से गठबंधन फेल हो चुका है। उत्तर प्रदेश की जनता इन गठबंधनों को देख चुकी है।
मुलायम के करीबी ने की मुलाकात :
इटावा में डिप्टी सीएम का सिंचाई विभाग के नवीन प्रशासनिक भवन में भाजपा के पदाधिकारियों से मिलने का कार्यक्रम पहले से तय था मगर उनसे मिलने के जगह डिप्टी सीएम केशव मौर्या ने शिवपाल यादव के करीबी सपा के पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य के साथ मुलाकात की। पूर्व सांसद और डिप्टी सीएम की मुलाकात के बाद समाजवादियों के गढ़ इटावा से लेकर कानपुर तक सियासत गर्म है। रघुराज सिंह शाक्य इटावा जिले के जसंवतनगर इलाके के धौलपुर खेडा गांव के रहने वाले है। अखिलेश-शिवपाल विवाद के समय शाक्य ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ सपा से विधानसभा चुनाव से पहले इस्तीफा दिया और शिवपाल सिंह यादव के साथ उनके निर्वाचन क्षेत्र मे चुनाव प्रचार किया।