गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में समाजवादी पार्टी को भारी अंतर से ऐतिहासिक जीत मिली है। इस जीत से जहाँ समाजवादी पार्टी में एक नयी जान आ गयी है तो वहीँ भाजपा में अब बगावतों का दौर शुरू हो गया है। दोनों सीटों पर मिली हार के लिए पूर्व भाजपा सांसद रमाकांत यादव ने सीधे तौर पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहरा दिया है। इन दिनों आजमगढ़ के बाहुबली रमाकांत यादव के जल्द भाजपा छोड़ सपा में जाने की खबरें आना तेज हो गयी हैं। यदि भविष्य में रमाकांत यादव भाजपा छोड़कर सपा में आते हैं तो आजमगढ़ सहित कई अन्य सीटों पर बीजेपी की जीत मुश्किल हो जायेगी।

सपा में हो सकते हैं शामिल :

आजमगढ़ के बाहुबली नेता रमाकांत यादव 4 बार विधानसभा और 4 बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। इनके बारे में सियासत में मशहूर है कि रमाकांत कुर्सी नहीं छोड़ सकते बल्कि कुर्सी के लिए किसी को भी छोड़ सकते हैं। सपा से भाजपा में आने के बाद उन्होंने कहा था कि वो क्या उनकी लाश भी सपा में नहीं जायेगी मगर बीते दिनों आजमगढ़ में उन्होंने सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी बचाई थी। इसके अलावा मुलायम के मैनपुरी से चुनाव लड़ने का ऐलान कर देने के बाद सपा के पास आजमगढ़ में कोई बड़ा चेहरा नहीं है। ऐसे में यदि रमाकांत यादव सपाई बने तो उनका सपा के टिकट पर आजमगढ़ से लड़ना लगभग तय है। इस मामले में रमाकांत यादव की तरफ से कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है।

कई जिलों में है प्रभाव :

आजमगढ़ में भाजपा के बाहुबली पूर्व सांसद रमाकांत यादव के इन दिनों दल बदलने की खबरें आ रही हैं। ऐसा इसीलिए हो रहा क्योंकि जिस तरह भाजपा के खिलाफ रमाकांत बयानबाजी कर रहे हैं, उससे साफ़ होता है कि उनका अब बीजेपी से मन भर गया है। अगर पूर्व सांसद भाजपा से सपा में आते हैं तो आजमगढ़ सहित कई जिलों में बीजेपी की राह मुश्किल हो सकती है। रमाकांत यादव का आजमगढ़ के अलावा मऊ, घोसी सहित पूर्वांचल के कई अन्य जिलों में अच्छा प्रभाव माना जाता है। यदि बाहुबली पूर्व सांसद सपा में गए तो इन सीटों पर भाजपा को मुश्किल उठानी पड़ सकती है।

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