हमारे देश में राम-सीता और रामायण का अलग ही स्थान है। इसके इतर भारत के अलावा भी एक देश ऐसा है, जो हमारे देश की संस्कृति और रामायण (Lord shriram) से बहुत ज्यादा प्रभावित है। इस देश के राजा को आज भी राम कहा जाता है। साथ ही एक महीने तक रामलीला का मंचन किया जाता है। यह देश कोई और नही बल्कि इंडोनेशिया है।
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रामायण की दीवानी हुई इंडोनेशिया :
- करीब 23 करोड़ की आबादी वाले इंडोनेशिया के लोग भारत के महाकाव्य रामायण के दीवाने हैं।
- इस देश के जनमानस के बीच राम एक महान कथा पुरुष हैं।
- इस देश की संस्कृति भारतीय रामायण से बहुत प्रभावित है।
- रामायण का प्रभाव ऐसा है कि यहां के लोग भगवान राम को अपने जीवन का नायक मानते हैं।
- आलम यह है कि कई इलाकों में रामायण के अवशेष और पत्थरों पर रामकथा के नक्काशी चित्र मिलते हैं।
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इंडोनेशिया के रामायण लोकप्रिय पात्र :
- यहां के रामायण में लोकप्रिय किरदार दशरथ को विश्वरंजन कहा गया है।
- इंडोनेशिया में नौ सेना के अध्यक्ष को लक्ष्मण कहा जाता है।
- साथ ही सीता को सिंता कहा जाता है।
- हनुमान को अनोमान कहा जाता है।
- इंडोनेशिया में हनुमान सर्वाधिक लोकप्रिय पात्र हैं।
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1973 में हुआ था अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन :
- इंडोनेशिया सरकार ने पहली 1973 में एक अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन का आयोजन करवाया था।
- यह विश्व में पहला मौका था जब किसी विशेष समुदाय वाले देश ने रामायण पर इस तरह का आयोजन किया था।
- भारत के अनुरुप इंडोनेशिया में भी रामायण सर्वाधिक लोकप्रिय ग्रंथ है।
- हालांकि भारत और इंडोनेशिया की रामायण में थोड़ा अंतर है।
- अंतर ये है भारत में जहां राम की नगरी आयोध्या है, वहीं इंडोनेशिया में यह योग्या नाम से स्थित है।
- इंडोनेशिया में राम कथा को ककनिन या ‘काकावीन’ रामायण नाम से जाना जाता है।
26 अध्यायों का एक विशाल ग्रंथ है रामायण :
- इंडोनेशिया की रामायण 26 अध्यायों का क विशाल ग्रंथ है।
- इतिहासकारों के मुताबिक यह 9वीं शताब्ती की रचना है।
- यह एक प्राचीन रचना ‘उत्तरकांड’ है जिसकी रचना गद्य में हुई है।
- चरित रामायण अथवा जानकी में रामायण के प्रथम छ: कांडों की कथा व्याकरण के उदाहरण भी हैं।
- भारतीय रामायण के रचयिता आदिकवि महर्षि वाल्मीकि हैं तो वहीं इंडोनेशिया में इसके रचयिता कवि योगेश्वर हैं।
- जहां भारतीय रामायण की रचना संस्कृत भाषा में हुई है वहीं इंडोनेशिया के काकावीन की रचना ‘कावी भाषा’ में हुई है।
- दरअसल यह जावा की प्राचीन शास्त्रीय भाषा है, काकवीन का अर्थ महाकाव्य है।
- दिलचस्प बात यह है कि कावी भाषा में ही यहां कई और महाकाव्यों का सृजन हुआ है, जिसमें रामायण काकवीन सर्वाधिक लोकप्रिय है।
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इंडोनेशिया ने की भारत में रामलीला कराने की मांग :
- पिछले सरकार इंडोनेशिया सरकार ने भारत में कई जगहों पर इंडोनेशिया की रामायण पर आधारित रामलीला का मंचन कराने की मांग की थी।
- इंडोनेशिया के शिक्षा और संस्कृति मंत्री अनीस बास्वेदन भारत दौरे पर आए थे।
- इस दौरान उन्होंने संस्कृति मंत्री महेश शर्मा से मुलाकात कर साल में दो बार भारत में इंडोनेशियाई रामायण कराने की मांग की थी।
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