हम सब जानते हैं कि छोटे बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं वह घर में अपने बड़ों को देखकर कुछ न कुछ सीखते रहते हैं जैसे किसी के जूते में अपना पैर डालना या किसी के सामान को पहचानकर उनको देना। लेकिन शोधकर्ताओं ने बच्चों को लेकर एक नया खुलासा किया है। जिसमें बच्चे जो 4 साल की उम्र में लोगों को समझना सीखते हैं, उसके पीछे का कारण बताया है
शोधकर्ताओं ने किया अध्ययन :
- जो काम बच्चे तीन साल की उम्र में नहीं कर पाते वह चार साल की उम्र में यह कैसे कर लेते हैं, इस एक अध्ययन हुआ है।
- एक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार विकास का यह चरण मस्तिष्क की परिपक्वता से जुड़ा है।
- जो कि मस्तिष्क में मौजूद महत्वपूर्ण तंतुओं से संबंधित है।
- जर्मनी के लिपजिग स्थित मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन कॉग्निटिव एंड ब्रेन साइंसेज तथा नीदरलैंड की लेडेन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया।
- शोधकर्ताओं के समूह ने सामान्य रूप से विकास कर रहे तीन तथा चार साल के बच्चों पर अध्ययन किया।
- जिसमें 43 बच्चों के एमआरआई के आंकड़ों तथा स्वभाव संबंधित आंकड़ों का अध्ययन किया।
यह प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स से संबंधित है :
- शोधकर्ताओं के अध्ययन के बाद निष्कर्ष को लेकर कही बड़ी बातें।
- कहा कि मानसिक अवस्था का उभरना विश्वास करने से संबंधित प्रसंस्करण क्षेत्रों की परिपक्वता से जुड़ा है।
- साथ ही शोधकर्ताओं ने कहा कि यह प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स से संबंधित है।
- अध्ययन में यह बात सामने आई है कि तीन तथा चार साल के बच्चों के मस्तिष्क में स्थित आर्कुएट फैसिकल में तंतुओं की परिपक्वता दोनों मस्तिष्क क्षेत्रों से संबंधित है।