राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आने वाले विजया दशमी के पर्व पर यानी 11 अक्टूबर 2016 को अपने पोशाक में बदलाव करके खाकी हाफ पैंट की जगह ब्राउन कलर की फुल पैंट को शामिल करेगा। बताया जा रहा है कि इस वर्ष होने वाले विजया दशमी के पर्व पर सरसंघचालक मोहन भगवत की मौजूदगी में एक साथ करीब 20 हजार स्वयंसेवक पहली बार ब्राउन कलर की फुल पैंट में नजर आएंगे।
बदलते समय के हिसाब से खुद को बदलने और युवाओं को साथ जोड़ने के लिए संघ की पोशाक में तब्दीली की बात कही जा रही है। मालूम हो कि पिछले कुछ समय में संघ की शाखाओं में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई हैं। और संघ ने अपनी शाखाओं कई नए युवाओं को शामिल किया है। ये युवा संघ के साथ कदम-ताल कर सकें इसी कवायद में संघ अपने पारंपरिक परिवेश में बदलाव करके हॉफ पैंट की जगह फुल पैंट को शामिल कर रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इससे पहले भी पोशाक में कई बार बदलाव कर चुकी है। इससे पहले स्वयंसेवक खाकी हॉफ पैंट के साथ इसी रंग की कमीज ही पहनते थे। मगर बाद में कमीज का रंग बदल कर सफेद कर दिया गया। उसके बाद स्वयंसेवक बूट पहना करते थे मगर बाद में इनमें बदलाव कर बूट को सामान्य जूते में बदल दिया गया। इस परिवर्तन के बाद चमड़े के बेल्ट की जगह प्लास्टिक के बेल्ट का इस्तेमाल शुरू कर दिया गया।
ऐसी हो सकती राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नयी पोशाक।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ युवाओं का रुझान काफी जयादा है, आज के समय में 90 प्रतिशत से ज्यादा युवा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुवे हैं। युवाओं को साथ लेने के लिए संघ ऑनलाइन शाखाएं भी चला रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी पोशाक में किस तरह का बदलाव करती है और उसका आज के युवाओं पर क्या असर होता है?