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‘टिकट वितरण’ नहीं, ये है चाचा-भतीजे के बीच खटपट की ‘असली’ वजह!

samajwadi feud behind scene

जैसा की सभी को मालूम है कि, उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी अब दो धड़ों में बंट चुकी है। एक ओर सपा प्रमुख और शिवपाल चाचा तो दूसरी ओर अखिलेश यादव और निष्काषित रामगोपाल यादव। सभी को पता है कि, पार्टी में मुख्य टकराव चाचा-भतीजे के बीच है। इस झगड़े की जड़ कोई प्रत्याशियों के नाम बताता है तो कोई अस्तित्व की लड़ाई, लेकिन इस झगड़े की जड़ बरगद सरीखे बहुत गहरे में हैं। आइये हम आपको इस झगड़े के प्रमुख कारण से अवगत कराते हैं।

व्यंग्य:

किशोरावस्था की जिज्ञासा की पीठ पीछे चुगली:

सूत्रों की जानकारी के अनुसार, अखिलेश यादव शिवपाल चाचा से अपनी किशोरावस्था के समय से ही नाराज चल रहे हैं, प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक बार हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी ने जिज्ञासावश (जिसके लिए उत्तर प्रदेश के लोग मशहूर हैं) गुटखा ट्राई कर लिया। जिसकी जानकारी चाचा जी को हो गयी।

समझावन लाल का आगमन:

सूत्र आगे बताते हैं कि, अखिलेश यादव उस रोज जब घर पहुंचे तो सपा प्रमुख ने उन्हें बिना कुछ पूछे जांचे समझावन लाल से समझा दिया, मतलब जोरदार वाला।

निष्काषित चाचा ने भरे कान:

सपा प्रमुख के समझाये जाने के बाद नम आँखें लिये अखिलेश अपने कमरे में पहुंचे तो निष्काषित चाचा पहले से उनका वहां इंतजार कर रहे थे, उन्होंने अखिलेश को बताया कि, अमर सिंह ने शिवपाल चाचा को बताया और शिवपाल चाचा ने सपा प्रमुख को।

सूत्र बताते हैं कि, इतना सुनने के बाद अखिलेश यादव बिफरते हुए बोले थे कि, चाचा तो खुद खैनी खाते हैं, हमारी चुगली काहे की। बताया तो यहाँ तक जाता है कि, उस दिन उन्होंने समझावन लाल के निशानों पर हाथ रखकर कसम खाई थी कि, वो मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवपाल चाचा से सारे विभाग छीन लेंगे।

उसके बाद के घटनाक्रमों की जानकारी सभी को है।

(नोट: गुटखा पार्टी के लिए हानिकारक है, लेखक किसी भी परिस्थिति में गुटखे का समर्थन नहीं करता है)

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