आगामी 2019 के लोकसभा चुनावों की समाजवादी पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। 2014 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में 5 सीटें जीतने वाली सपा की नजर इस संख्या को बढ़ाने पर लगी हुई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद कन्नौज से चुनावी समर में उतर रहे हैं और उनके पिता मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों संगठन को मजबूत करने पर ध्यान दे रहे हैं मगर इस बार के लोकसभा चुनाव में 1 सीट ऐसी भी है जहाँ पर सपा को कोई दमदार प्रत्याशी नहीं मिल रहा है जो भाजपा को टक्कर दे सके।
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आजमगढ़ में जारी सपा प्रत्याशी की खोज :
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी एक समय सबसे मजबूत मानी जाती थी। पिछले लोकसभा चुनावों में तत्कालीन सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी और आजमगढ़ दोनों जगह से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से वे जीते थे मगर बाद में उन्होंने मैनपुरी सीट से इस्तीफा दे दिया था। आजमगढ़ से पहले बलराम यादव और फिर हवालदार यादव को टिकट दिया गया था मगर मुलायम समझ गये थे कि मोदी लहर में ये लोग नहीं टिक सकेंगे। तभी ऐन मौके पर उन्होंने खुद आजमगढ़ से चुनाव लड़ने का ऐलान किया और उन्हें जीत भी मिली थी।
भाजपा के बाहुबली से होगी टक्कर :
पिछले लोकसभा चुनावों में मुलायम सिंह यादव कुछ हजार वोटों से भाजपा के बाहुबली रमाकांत यादव से जीते थे। मुलायम ने चुनाव नतीजे आने के बाद कहा भी था कि अगर उनका परिवार ना लगता तो उनकी चुनाव में हार तय थी। इस बार के चुनाव में भी भाजपा से रमाकांत यादव का उतरना तय माना जा रहा है। इसके अलावा बसपा में अंसारी बंधू भी समाजवादी पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बन सकते हैं। मुलायम ये बात अच्छी तरह समझते हैं तभी उन्होंने आज़मगढ़ से चुनाव न लड़ने का फैसला किया। मगर फिर भी सपा को अभी तक मुलायम का विकल्प नहीं मिल सका है जिसे आजमगढ़ से चुनावी समर में उतारा जा सके।