2019 के लोकसभा चुनावों की समाजवादी पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 3 दिवसीय बैठक बुलाई थी जिसमें पार्टी के तमाम बड़े नेताओं और पदाधिकारियों को शामिल किया गया था। इस बैठक में पूरे उत्तर प्रदेश से सपा के बड़े नेता पहुंचे थे जिन्हें बैठक में बसपा के साथ मिलकर चुनावी रणनीति बनाने को कहा गया। हालाँकि अभी तक दोनों पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा अभी बाकी है। इस बीच सपा की सिटिंग 5 सीटों को लेकर बड़ी खबर आ रही है।
यादव समाज के नेताओं के साथ मीटिंग :
2019 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए 9 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के कार्यालय में हुई बैठक में कई मुद्दों पर मंथन हुआ। बैठक में पिछड़े वर्ग के नेताओं के साथ चर्चा हुई। लोकसभा चुनावों में बसपा के साथ गठबंधन और सीटों के बंटवारे को लेकर भी चर्चा हुई। इस बैठक के बाद पार्टी में एकजुटता दिखने लगी है। बैठक के दौरान पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर बागी रुख अपनाने वालों पर भी बातचीत हुई। अखिलेश ने सोमवार को पार्टी के कुर्मी, सैनी, मौर्य, कुशवाहा, जाट, गुर्जर, निषाद, कश्यप, प्रजापति, राजभर, लोध, विश्वकर्मा समेत पिछड़ी जाति के अधिकतर नेताओं के साथ बैठक की थी। इस बैठक में भाजपा के खिलाफ 2019 के चुनाव के लिए रणनीति भी बनाई गयी।
इन सीटों पर प्रत्याशी लगभग तय :
समाजवादी पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश की 5 सीटों पर जीत हासिल की थी। सपा को कन्नौज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, आजमगढ़ और बदायूं में जीत हासिल हुई थी। इस बार बसपा से गठबंधन होने के बाद भी सपा इन सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कन्नौज से जहाँ सपा अध्यक्ष अखिलेश खुद लड़ेंगे तो वहीँ मैनपुरी से मुलायम सिंह चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा फिरोजाबाद से अक्षय यादव, बदायूं से धर्मेंद्र यादव का नाम लगभग तय है। हालाँकि आजमगढ़ से प्रत्याशी को लेकर सपा में मंथन हो रहा है।
इसके अलावा गठबंधन के तहत उपचुनावों में जीती हुई फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीट भी सपा के खाते में जायेगी। ऐसे में इन दोनों सीटों पर भी सिटिंग सांसद प्रवीण निषाद और नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल को उतारा जा सकता है।