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आज दशहरा है और आज का दिन रावण वध के साथ मनाया जाता है. आज के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी. आज ही के दिन प्रभु राम ने दैत्य रावण का वध किया था. युगों युगों से चली आ रही परंपरा के अनुसार रावण के पुतले को जला कर हम अपने अंदर की सारी बुराइयों पर जीता हासिल करते है. लंकापति रावण को वैसे तो सभी बुरे का प्रतीक मानते है पर रावण में कुछ खूबियाँ भी थी जो उसे महान बनती है.
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ब्रह्म-राक्षस था रावण-
- वो विश्वश्रवा का पुत्र था जो एक ब्राह्मण थे और उसकी माँ कैकसी एक दैत्य कन्या थी.
- रावण के पास ब्राह्मण की बुद्धि और राक्षस की शक्ति थी.
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रावण के पास था ज्ञान का भंडार –
- आयुर्वेद और राजनीति पर उनकी अच्छी पकड़ थी.
- रावण चार वेदों और छह शास्त्रों का पंडित था.
- उसे खगोल विज्ञान का भी सबसे ज्यादा ज्ञान था.
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कुबेर की थी लंका-
- यहाँ सच है की रावण ने अपने सौतेले भाई कुबेर से ज़बरदस्ती लंका ली थी.
- पर वो लंका का सबसे प्रभावशाली राजा साबित हुआ था.
- उसके शासन काल को श्रीलंका का सबसे ज्यादा उन्नत्ति का समय माना गया है.
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रावण के पास थी बेजोड़ शक्ति-
- धरम ग्रंथों से पता चलता है कि वो समुद्रों को हिला सकता था और पर्वतों की शिखरों को तोड़ सकता था.
- रावण सर्वशक्तिशाली था.
- रावण ने इंद्रा के वज्र ऐरावत हाथी के दांतों और भगवान् विष्णु के सुदर्शन चक्र से भी लड़ाई की थी.
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केवल दो लोगो से हारा रावण-
- दुनिया में केवल दो नश्वर शारीरिक रूप से उसे हरा सकते थे एक थी कार्तिवीर अर्जुन और दूसरे थे वानर बालि.
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रावण भगवान् शिव का परम भक्त भी था-
- एक बार रावण ने शिवस्थान कैलाश पर्वत को उखाड़ने की कोशिश करी थी
- तब भगवान शिव ने अपने पैर की अंगूठे के नीचे उसे दबा दिया था.
- उसे इस प्रकार अपनी गलती पश्यताप किया और तब से वो भगवान् शिव का सच्चा भक्त बन गया था.
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मायावी भी था रावण-
- रावण एक मायावी व्यक्ति था.
- कुछ विद्वान मानते हैं कि रावण के दस सिर नहीं थे किंतु वह दस सिर होने का भ्रम पैदा कर देता था इसी कारण लोग उसे दशानन कहते थे.
- उसकी मायावी शक्ति और जादू के चर्चे जग प्रसिद्ध थे।
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