आज सोमवती अमावस्या का पर्व है। आज पितृओं की पूजा की जाती है। बहुत से लोगों को पता नहीं होता कि अमावस्या पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं। इस वजह से लोग जाने अनजाने में एेसे काम भी कर देते हैं जिससे उन्हे दोष लगता है। वहीं कुछ ऐसे छोटे-छोटे उपाय भी होते हैं जिनको करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। जानिए इस सोमवती अमावस्या पर पितृदोष और कालसर्प दोष निवारण के उपाय और साथ ही जानें क्या करें और क्या न करें।

जाने क्यों है यह अमावस्या ख़ास:

आज सोमवती अमावस्या है, वैशाख मास की अमावस्या सोमवार को होने से सोमवती अमावस्या हो गई है। सोमवार को अमावस्या का संयोग साल में 2-3 बार बन जाता है, लेकिन देव नक्षत्र अश्विनी के साथ पवित्र वैशाख मास में ये संयोग बहुत ही कम बन पता है। इसलिए इस साल की अमावस्या पितृदोष और कालसर्प दोष निवारण के लिए बहुत ही खास हो गई है।

आज के ग्रह दोषों से बचने के लिए उपाय करना बहुत लाभकारी माना जाता है। इस सोमवती अमावस्या पर 27 साल बाद सूर्य और चंद्रमा का विशेष संयोग बन रहा है। आज सूर्य और चंद्रमा एक साथ आ रहे हैं और इन पर बृहस्पति ग्रह की दृष्टि होगी। इससे पहले ऐसा करीब 27 साल पहले हुआ था।

-इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना लाभकारी माना जाता है।

-इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती है।

-कहा जाता है इस दिन नदियों में स्नान करने से सभी पाप खत्म हो जाते हैं और व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।

-अश्विनी नक्षत्र के कारण पितृ दोष और अन्य दोषों से ज्यादा आसानी से मुक्ति मिलेगी।

आइए जानते हैं इस दिन क्या उपाय कर सकते हैं:

जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिए इस दिन पीपल के वृक्ष की जड़ में जल और फूल अर्पित करें। इसके बाद पीपल की पीला सूत लपेटते हुए 9 परिक्रमा करें।

आर्थिक समस्या से मुक्ति पाने के लिए पान के पत्ते पर धान और खड़ी हल्दी रखें। इसके बाद उस पान के पत्ते को तुलसी पास रखकर धन प्राप्ति की प्रार्थना करें।

पितरों को शांत करने के लिए चावल और दूध से खीर बनाएं। खीर को मिट्टी के बर्तन में डालकर दक्षिण दिशा की ओर रखें और फिर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके प्रार्थना करें। इसके बाद खीर को किसी निर्धन व्यक्ति को खिलाएं। इस उपाय से राहु को भी शांति मिलेगी।

अटका हुआ धन पाने के लिए नित्य प्रातः लाल जल में मिर्च के बीज डालकर सूर्य को जल अर्पित करें। इसके बाद ‘ॐ आदित्याय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। इस उपाय को लगातार तीन माह तक करने से आपका रूका हुआ धन आपको मिल सकता है

क्या करें –

-सोमवती अमावस्या पर धान, पान, हल्दी, सिन्दूर और सुपारी से पीपल के पेड़ की पूजा और परिक्रमा की जाती है।

-हर परिक्रमा पर इनमें से कोई भी एक चीज चढ़ाएं।

-उसके बाद अपने सामर्थ्य यानी जितना दान आप दे सकें उस हिसाब से फल, मिठाई, खाने की चीजें या सुहाग सामग्री किसी मंदिर के पुजारी या गरीब ब्रह्मण को दान दें।

-इसके अलावा अन्य लोग सुबह जल्दी उठकर शिवजी को जल चढ़ाएं।

-गरीबों को खाने की चीजें दान दें।

-पितृओं की पूजा करें।

-पितृओं के लिए ब्राह्मण या किसी मंदिर के पुजारी को भोजन करवाएं।

-गाय, कुत्ते और कौवों को रोटी खिलाएं।

क्या न करें –

– इस अमावस्या पर शराब और मांस से दूर रहें।

– शारीरिक संबंध न बनाएं।

– किसी का झूठा भोजन न करें।

– बिना नहाए न रहें।

– शेव, हेयर और नेल कटींग न करें।

– दोपहर में न सोएं।

– लहसुन-प्याज जैसी तामसिक चीजें भी न खाएं।

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