खाली सूने फ्लैट से माँ की दर्दनाक चीख:
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से कलयुगी बेटों द्वारा मां को मरता छोड़कर चले जाने की इस खौफनाक घटना ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है. नौ महीने बच्चे कोख में रखेने वाली ये माँ आज उसी पुत्र के लिए ऐसी बोझ बन गई कि उसे इस तरह सुनसान फ्लैट में अकेले मरने के लिए छोड़ दिया गया है.
बुजुर्ग महिला अपने खाली सूने फ्लैट में अकेली बिस्तर पर पड़ी मिलीं है. बुजुर्ग महिला बेहद बीमार हैं और चलना फिरना तो दूर वह बिस्तर में करवट तक लेने में असमर्थ हैं, क्योंकि वह पैरालिसिस से जूझ रही हैं.
इस बुजुर्ग महिला के साथ ऐसी हालत में कोई संतान नहीं है. बता दें कि इनके तीन-तीन बेटे हैं, लेकिन तीनों बेटे हफ्ते भर पहले अपनी मां को इस फ्लैट में अकेला मरने के लिए छोड़ नए घर में शिफ्ट हो गए हैं.
लाडले बेटों ने छोड़ा बेचारी बूढ़ी माँ को:
आस-पास के लोगों से बात चीत के दौरान पता चला कि जिस फ़्लैट में ये बुजुर्ग महिला रहती हैं उसका दरवाजा खुला था. वहीँ अक्सर कमरे से किसी के करहाने और रोने की आवाज हफ्ते भर से सुनाई दे रही थी, लेकिन घर में कोई नजर नहीं आता था. इस बेचारी माँ को उसके लाडले बेटों ने छोड़ दिया था और न तो बूढ़ी महिला की बहु और ना ही उसके नाती पोते वहां नजर आ रहे थे.
वहीँ जब ऐसे कई दिनों से फ़्लैट में बुजुर्ग माँ की आवाज सुने देती रही और कोई शख्स आता-जाता नहीं दिखाई दिया, तो आसपास के लोग इस बूढ़ी माँ की दर्दभरी आवाज सुनकर तुरंत ही हरकत में आ गए थे. उन्होंने घर के भीतर जाकर देखा तो पैरों तले जमीन खिसक गई.
वहां एक बेहद बूढी महिला जो चल फिर नहीं सकती, वह भूख प्यास से बेचैन बिस्तर में पड़ी हुई थी. वहां न तो उनकी कोई देखभाल करने वाला था और ना ही उन्हें हफ्ते भर से दवाई देने वाला था और उनकी हालत बेहद नाजुक दिखाई पड़ रही थी.
आपको बता दें कि आसपास के लोगों ने तुरंत ही इसकी सूचना स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ममता शर्मा को दी. सूचना मिलते ही वह बुजुर्ग महिला के फ्लैट पर पहुंचीं और उन्होंने उनकी सहायता की.
ममता शर्मा ने बताया कि बुजुर्ग महिला के तीनों बेटे अपने नए घर में हाल ही में शिफ्ट हुए हैं. वे पुराने घर का सारा साजो-सामान उठा ले गए. इतना ही नहीं उन्होंने अपनी बुजुर्ग लाचार मां के सारे कीमती वस्त्र और आभूषण भी नहीं छोड़ा.