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Special Story:-जिस सामान को लोग बेकार समझकर कूड़े में फेंक देते है, काशी के इस दिव्यांग राजकुमार ने फेंके हुए चीजों को कला में बदल डाला

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Special Story:-जिस सामान को लोग बेकार समझकर कूड़े में फेंक देते है, काशी के इस दिव्यांग राजकुमार ने फेंके हुए चीजों को कला में बदल डाला

 

वाराणसी।

भगवान शिव की नगरी काशी हमेशा से पर्यटकों को लुभाता रहा है। बनारस में घूमते समय आप इस शहर की गलियों में संस्कृति और परंपरा को करीब से महसूस करेंगे। मथुरा-वृदावन और हरिद्वार की तरह यहां भी आपको हर घर में प्रचीन मंदिरों के दर्शन होते हैं। काशी में मन्दिरों और यहां की संस्कृति की धरोहरों की वजह से प्रसिद्ध है। यहां की गलियों में एक से बढ़कर एक शख्स भी मिलेंगे जो पद्मविभूषण से नवाजे गए हैं। ऐसा ही एक शख्स काशी की गलियों में मिले कूड़े में फेंके हुए वस्तुओं को एक नया रूप प्रदान कर अपनी कला को लोगों के बीच ला रहे और उसे आगे बढ़ाना चाहते है।

जी हां…हम बात कर रहे है एक ऐसे शख्स की जो शरीर से दिव्यांग है। और जो अपने इस 60 साल की अवस्था में अपनी कल्पना को कला के माध्यम से प्रदर्शित कर रहे। कहते है एक राजकुमार होता है जो अपने महल में सान और शौकत से राहत है और यह वह राजकुमार बनारस के भदैनी क्षेत्र के सकरी गलियों में रहते है जो वह शरीर से दिव्यांग है। दिव्यांग राजकुमार एक छोटे से कमरे में रहते है। जहां उस कमरे में बिजली की व्यवस्था है ना ही हवा के लिए पंखा यह एक सपने जैसा है।

कूड़े में फेंके हुए चीजों को अपने कला के माध्यम से देते है नया रूप

आपको यह सुनकर एक सोने जैसा लग रहा होगा लेकीन यह सत्य है। दिव्यांग राजकुमार कूड़े में फेंके हुए वस्तुओं को बनाकर खूबसूरत तस्वीरों और कला कलाकृतियों को प्रदर्शित करते हैं। जो लोग अपने घरों में उसे उनसे लेकर लगा कर अपने घरों में सजाकर शान और शौकत बढाते है। इतना ही नहीं राजकुमार उन बच्चों को भी निःशुल्क प्रशिक्षित करते हैं जो बच्चे शिक्षा नहीं पा सकते हैं उन बच्चों के अंदर संस्कृति नाटक और कला का ऐसा जुनून भरते हैं कि वह बच्चे बनारस के घाटों पर कहानियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करते नजर आते हैं।

पीएम मोदी और सीएम योगी से मिलने की जताई इच्छा

रंगकर्मी दिव्यांग राजकुमार का सपना है कि वह काशी में एक ऐसा विद्यालय बने जहां व काशी के कोने-कोने से एक कलाकार बना सके और काशी की संस्कृति को विश्व पटल पर रख सके इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील भी की है और उनसे मिलने की मंशा भी जाहिर की है।

PM MODI तक हमारी कला का यह संदेश पहुच जाता तो मेरा जीवन हो जाता सफल

उत्तर प्रदेश समाचार से बात करते हुए दिव्यांग रंगकर्मी राजकुमार ने बताया कि मैं एक छोटा-मोटा कलाकार हूं। कूड़ा में फेंके हुए चीजों को प्रयोग करके मैं अपनी कल्पना को एक सुंदर कलाकृति में बनाता हूं। मेरा यही उद्देश्य है कि हमारी यह कला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक यह संदेश पहुंच जाता मेरा जीवन सफल हो जाता।

पढ़ने-लिखने में नही था मन, कला में थी दिलचस्पी, छोड़ दिया स्कूल

दिव्यांग राजकुमार ने बताया कि यह कार्य मैं बचपन से कर रहा हूं जब मैं दस, बारह साल का था तब से यह कार्य कर रहा हूं। मेरा पढ़ाई-लिखाई में मन नहीं लगता था मेरी कलाओं में मन लगता था। ऐसा ही कलाकृति मैं स्कूल में कुछ ना कुछ करता ही था पढ़ता लिखता नहीं था, तो मास्टर साहब मारते-पीटते थे, इसीलिए मैं स्कूल छोड़कर फिर भाग गया फिर मैंने ठान लिया यदि मैं कुछ करूंगा तो कला के लिए ही काम करूंगा। इसी कला के माध्यम से आज मैं तरह-तरह का कलाकृतियां बनाता हूं।

यदि इंसान अपनी सोच बदल लें तो कुछ भी कर सकता है

उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कोई वस्तु बेकार नहीं है। यदि कोई बेकार है इंसान की सोच है जो कि कोई कुछ करना नहीं चाहता। जिस तरह से लोग कूड़ा करकट में बेकार वस्तु फेंक देते हैं मैं उसी बेकार वस्तु कूड़ा करकट को उठाकर एक नया रूप दे देता हूं। जिस तरह अगर बात करें पेड़ का डाल यदि टूट जाता है तो लोग जला देते हैं या वैसे ही पड़ी रहती हैं लेकिन मैं उसमें भी कुछ ना कुछ निकाल कर उसे कला के रूप में दिखाता हूं।

PM MODI के कार्यों हुए प्रेरित

दिव्यांग राजकुमार ने बताया कि जब 2014 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में चुनाव लड़ने आ रहे थे तो उन्होंने कहा था कि “ना मैं यहां आया हूं, ना मुझे किसी ने बुलाया है, मुझे तो सिर्फ मां गंगा ने बुलाया है।” यह हकीकत है की इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी को मां गंगा ने बुलाया तो उन्होंने मां गंगा के लिए कार्य किए भी है ये तो मानना पड़ेगा। इसे पहले मां गंगा में जिस तरह से कूड़ा-करकट लोग फेक देते थे। घाटों पर गंदगी कर देते थे, लेकिन 2014 के बाद से घाटों पर सफाई दिखने लगी है। गंगा में कूड़ा करकट अब नहीं दिखता गंगा लगभग अब साफ हो चुकी है।

2024 में पीएम मोदी फिर से जीते, महंगाई पर थोड़ा करे कंट्रोल

उन्होंने कहा कि मेरा यही उद्देश्य है मेरी यही दिली इच्छा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एक बार पुनः 2024 में जीत कर बनारस का विकास की गति को और तेजी से बढ़ाएं। क्योंकि मुझे प्रधानमंत्री मोदी जी के विकास से बहुत अच्छा लगा ऐसे ही विकास करते रहें। हां… लेकिन मेरी एक ही यह इच्छा है कि महंगाई पर प्रधानमंत्री जी थोड़ा कंट्रोल कर ले तब इनको कोई हटा भी नहीं सकता।

 

बाबा विश्वनाथ धाम काशी की पुरानी धरोहर को पीएम मोदी ने एक नया रूप दिया

उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री जी से यही कहूंगा कि मैं जो कल्पना करके नाट्य, डांस, कला जो मैंने काशी की संस्कृति के लिए किया हूं। जो यह संस्कृति डूब रही है यह संस्कृति डूबना नहीं चाहिए काशी की जो पहचान है। उसे और पहचान दी जाए ना की लुप्त हो। मेरा प्रधानमंत्री से अनुरोध है प्रार्थना है की यहां एक ऐसा स्थान मिले जहां मैं कैंप लगा लगा काशी की संस्कृति, कला और गंगा के प्रति स्वच्छता अभियान को लेकर लोगों को जागरूक करु। हमारी काशी की धरोहर बाबा विश्वनाथ है जो प्रधानमंत्री ने इसे कायाकल्प बदलकर बाबा विश्वनाथ को नया रूप दिया है। मैं उनको बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। गलियों में होने के कारण बाबा के धाम में जिन्हें दर्शन ना भी मिल पाता था वो आज श्री काशी विश्वनाथ धाम सुनकर ही लोग वहां जाने के लिए ललाहित होते हैं।

रिपोर्ट : विवेक पाण्डेय

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