हरदोई के मालखाने में 22 वर्षों से कैद नेता जी की प्रतिमा मांगे आजादी

-21 वर्षों से सलाखों में कैद है नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की प्रतिमा
-सदर मालखाने में कैद है सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा
-आजादी के महानायक के साथ अपने ही देश में ये कैसा व्यवहार
-वर्ष 2000 में शहर में नेता जी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए आई थी
-प्रतिमा लगाने को लेकर किसी बात पर हो गया था विवाद पुलिस-प्रशासन ने प्रतिमा को कस्टडी में ले ली थी
-प्रतिमा आज़ाद कराये जाने को लेकर शिवसेना कर रही आमरण अनशन

 

आजाद हिंद फौज के महानायक नेता जी सुभाषचंद्र बोस ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ाकर देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराया। उनके योगदान का ऋण कभी नही चुकाया जा सकता। जहां एक तरफ देश में आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है वहीं एक तरफ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा जो हरदोई के कलेक्ट्रेट के सदर मालखाने में कैद है ,नेताजी की6 प्रतिमा आज़ाद कराये जाने को लेकर पिछले 1 हफ्ते से आमरण अनशन पर बैठे हैं,उनका कहना है कि प्रतिमा को उसके सही जगह प्रशासन को लगवाना चाहिए ,आज उनकी पुण्यतिथि है, पर दुर्भाग्य है कि उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में नेताजी जी की प्रतिमा को घोर अपमान का सामना करना पड़ रहा है। आज़ाद भारत मे करीब 22 साल से नेताजी की प्रतिमा पुलिस की कैद में है जो अपनी ही आजादी के लिए राह देख रही है।

जिसने अपना और अपने साथी क्रांतिकारियों का लहू बहाकर देश को आजादी दिलाई आज स्वतंत्र भारत में उसकी प्रतिमा आजादी की राह देख रही है।शिवसेना व पंडित शिवराम मिश्र जन कल्याण सेवा समिति और, जयहिंद सेवा समिति के पदाधिकारियों ने कई बार नेता जी की प्रतिमा को रिलीज कराने की मांग भी कि, किन्तु जटिल प्रक्रिया का हवाला देते हुए स्थानीय अधिकारियों ने कोई रुचि नही दिखाई। शिवसेना नेता अवनीश श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 23 जनवरी 2000 में शहर में नेता जी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए आई थी, जिस पर विवाद हो गया, पुलिस-प्रशासन ने प्रतिमा को कस्टडी में ले लिया, जिसके बाद से आजादी के महानायक की प्रतिमा सदर मालखाना में कैद है। अवनीश के अनुसार इस प्रकरण को लेकर कोर्ट में मुकदमा भी चल रहा है उन्होंने बताया कि नेता जी की मूर्ति देखरेख के अभाव में टूट रही है। उनका चश्मा टूट गया है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। मालखाना में ड्यूटीरत कर्मियों द्वारा लापरवाही के चलते नेता जी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो रही है, उन्होंने कोर्ट के माध्यम से प्रतिमा रिलीज कराने की अर्जी दी है।नेता जी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा लगाने के लिए शहर के अस्पताल चौराहे को चिन्हित किया गया था, किन्तु आबिद पेट्रोल पंप व गोपामऊ प्राइवेट बस स्टैंड के अवैध कब्जे की वजह से जिम्मेदार नाकाम रहे और भूमि उपलब्ध नही हो पाई,दुर्भाग्य है कि हरदोई सदर मालखाने की सलाखों के पीछे 21 सालों से नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की प्रतिमा कैद है जिसे अब तक आजादी नही मिल पाई है। हालांकि 2017 में यूपी में पूर्व बहुमत की भाजपा सरकार बनने के बाद उम्मीद जगी थी कि शायद अब नेताजी की प्रतिमा को मालखाने की कैद से आजादी मिल सके लेकिन भाजपा की योगी सरकार में नेताजी को कैद से आजादी नही मिल सकी। अब आगे देखना होगा कि आखिरकार आजादी के मतवाले को अपने ही देश मे कब तक एक प्रतिमा के रूप में कैद में रहना पड़ेगा और कब आजादी के महानायक को भी आजादी मिल सकेगी,फिलहाल नेता जी की प्रतिमा 22 वर्षों से सलाखों के पीछे धूल फांक रही है।

Report:- Manoj

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