हाल ही के कुछ सालों में हमारे देश के अंदर विभिन्न माध्यमों से कई तरह के खेलों के लिए राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय मंच तैयार किया जा रहा है। इसी तरह की पहल का नतीजा है ‘आइस हॉकी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया’। जिसके तहत लद्दाख व उसके आस पास के क्षेत्रों से खिलाड़ियों को ‘आइस हॉकी’ खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। हाल ही में ‘आइस हॉकी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया’ द्वारा ‘भारतीय महिला आइस हॉकी टीम’ का निर्माण किया गया। सभी खिलाड़ी व कोच लद्दाख से हैं। उनमें से ज्यादातर तो लद्दाख के दूर-दराज़ के उन गांवों में से हैं, जो बिलकुल वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास स्थित हैं।
ताइपे में होगा अंतराष्ट्रीय पदार्पण:
‘भारतीय महिला आइस हॉकी टीम’ 22-26 मार्च, 2016 को चीनी ताइपे में आयोजित हो रहे ‘चैलेंज कप ऑफ़ एशिया’ में अपना अन्तराष्ट्रीय पदार्पण करेगी। इस प्रतियोगिता में भारत के अलावा चीनी ताइपे, थाईलैंड, सिंगापुर व मलेशिया की टीमें हिस्सा लेंगी। इसके लिए लद्दाख के ही विभिन्न क्षेत्रों के गांवों के स्पोर्ट्स क्लब्स से खिलाड़ियों को चुना गया है। सभी खिलाड़ी व कोच लद्दाख से ही हैं। लद्दाख विंटर स्पोर्ट्स कल्ब के वाईस प्रेसिडेंट एन ग्यालपो ने बताया की कुल 28 खिलाड़ियों को एडवांस्ड कोचिंग के लिए चुना गया था, जिसमे से सिर्फ 18 लोग ही इस कोचिंग को ज्वाइन कर पाए हैं। बाकि अन्य 6 लोग पासपोर्ट व 4 आर्थिक हालातों की वजह से उस एडवांस्ड कोचिंग को नहीं ज्वाइन कर पाई हैं, जो दिल्ली में उन्हें उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने ये भी बताया की ‘भारतीय पुरुष आइस हॉकी टीम’ 9-14 अप्रैल, 2016 को किर्गिस्तान में ‘चैलेंज कप ऑफ़ एशिया’ खेलने जाएगी, जिसमें भारत के अलावा मकाउ, किर्गिस्तान, मलेशिया व क़तर भाग लेने वाले अन्य देश होंगे।
राह आसान नहीं, वित्तीय और बुनियादी सुविधाएँ की कमी:
लद्दाख की ‘भारतीय महिला आइस हॉकी टीम’ 22 मार्च से शुरू हो रहे ‘चैलेंज कप ऑफ़ एशिया’ में भाग लेने के लिए चीनी ताइपे जाने के लिए कमर कस रही हैं। जिसके लिए ‘आइस हॉकी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया’ द्वारा दिल्ली में उनके लिए एडवांस्ड कोचिंग की व्यवस्था भी की गयी है। लेकिन चुनी गयी 28 खिलाड़ियों में से सिर्फ 18 लोग ही एडवांस्ड कोचिंग के लिए आ पाए हैं, बाकि अन्य खिलाड़ी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वे इस कोचिंग का हिस्सा नहीं बन पाई हैं। दरअसल आईएचएआई ने जिन 28 खिलाड़ियों को चुना था, उन सभी को अपने खर्च के लिए 15000/- प्रति व्यक्ति जमा करने थे। एसईसीएमओएल के फाउंडर सोनम वांगचुक ने बताया की चुनी गयी खिलाड़ियों को इवेंट की पूरी जानकारी देने में देरी की गयी। जिस कारण कुछ खिलाड़ी जो लद्दाख के दूर-दराज़ के गांवों में रहती हैं, उनके लिए इतने कम समय में 15000/- प्रति व्यक्ति जमा करना एक वित्तीय बोझ है। आईएचएआई ने बताया की हमारे पास इतने फंड नही हैं कि हम खिलाड़ियों की चीनी ताइपे की यात्रा व उनके लिए दूसरी सुविधाओं का इंतजाम कर सकें। इसलिए 15000/- प्रति व्यक्ति की बात बोली गयी, पर टीम के खिलाड़ियों की आर्थिक पृष्ठभूमि ऐसी है की उन्हें इसमें मुश्किल आ रही है। उन्होंने ये भी बताया की खिलाड़ियों के पास पर्याप्त मात्रा में उपकरण व बुनियादी सुविधाओं की भी कमी है। टीम के पास अपना कोई रिंक भी नहीं है, जिससे वे हर मौसम में प्रैक्टिस कर सकें। उन्हें प्रैक्टिस के लिए सर्दियों में झीलों के जमने का इंतज़ार करना पड़ता है। इसके अलावा वहां कोई भी ऐसा स्टोर नही है जो आइस हॉकी का सामान रखता हो। सोनम वांगचुक ने बताया की खिलाड़ियों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए टीम के लिए फंडिंग कार्यक्रम किये जा रहे जिससे सभी 28 खिलाड़ी 15000/- जमा कर सकें। साथ ही इस तरह की फंडिंग से भारतीय महिला आइस हॉकी टीम के भविष्य को बनाने में भी मदद हासिल होगी। ‘भारतीय महिला आइस हॉकी टीम’ को सिर्फ विरोधी देशों के खिलाड़ियों से ही नहीं अपितु आर्थिक तंगी की चुनौती से भी मुकाबला करना है। हमारी आइस हॉकी टीम की खिलाड़ी किसी भी विरोधी देश के खिलाड़ियों से निपट सकती हैं, आइये उनके इस जज्बे को पैसों की कमी का शिकार न होने दें।
आप यहाँ जाकर टीम के लिए अपना योगदान दे सकते हैं: https://www.bitgiving.com/supporticehockey