उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में यूनिसेफ द्वारा प्रकाशित “द स्टेट आफ वर्ल्ड चिल्ड्रन 2017” “चिल्ड्रन इन ए डिजिटल वर्ल्ड” रिपोर्ट का विमोचन किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर राज्यपाल की प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर, उत्तर प्रदेश में यूनिसेफ के प्रोग्राम मैनेजर अमित मेहरोत्रा, गीताली त्रिवेदी कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के छात्र-छात्राएं व अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे। यूनिसेफ की रिपोर्ट विश्व के 190 देशों में आज जारी हुई है।
राज्यपाल ने यूनिसेफ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि डिजिटल दुनिया श्राप है या वरदान, या इसका उपयोग कैसे करना चाहिए, इस दृष्टि से यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण है। डिजिटल वर्ल्ड से जो प्रगति हुई है उसको शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। हमें नई तकनीकों का प्रयोग देश को आगे बढ़ाने के लिए करना है। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ का प्रयास अभिनन्दनीय है कि वह पूरे विश्व के बच्चों के लिए सुरक्षित एवं सूचनाप्रद डिजिटल प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि इन्टरनेट का प्रयोग करने वालों में बच्चों की संख्या एक तिहाई है। उन्हें डिजिटल दुनिया के खतरों से सचेत करते हुए सुरक्षित आॅनलाइन सामग्री उपलब्ध कराने की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि डिजिटल उपयोग में उनका ज्ञान मोबाइल फोन के प्रयोग तक सीमित है। उन्होंने बताया कि 1954 में बीकाम परीक्षा पास करने के बाद 1955 में जब वे सरकारी सेवा में आये थे तब पहली बार फोन पर बात की थी। उन्होंने कहा कि यह दो पीढ़ियों के बीच का अंतर है।
प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर ने यूनिसेफ के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यूनिसेफ ने बच्चों के विकास, बुनियादी शिक्षा, बाल श्रम आदि को लेकर सराहनीय कार्य किये हैं। डिजिटल वर्ल्ड के सकारात्मक और नकारात्मक दो पक्ष होते हैं। उन्होंने कहा कि सही तरीके से डिजिटाईजेशन के प्रयोग से बच्चों में बदलाव लाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश यूनिसेफ के प्रोग्राम मैनेजर अमित मेहरोत्रा ने कहा कि इन्टरनेट ज्ञान का खजाना है।
महत्वपूर्ण जानकारी बच्चों तक पहुंचाकर उनका जीवन बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में बच्चे इन्टरनेट का सुरक्षित उपयोग करें और उपलब्ध अवसरों का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठायें। कार्यक्रम में अपर पुलिस अधीक्षक डाॅ. अरविन्द चतुर्वेदी ने भी प्रोजेक्टर के माध्यम से जानकारी दी तथा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के छात्राओं ने डिजिटाईजेशन और उसके प्रयोग को लेकर अपने अनुभव साझा किये। इस अवसर पर गीताली ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में यूनिसेफ द्वारा प्रकाशित “द स्टेट आफ वर्ल्ड चिल्ड्रन 2017” “चिल्ड्रन इन ए डिजिटल वर्ल्ड” रिपोर्ट का विमोचन किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर राज्यपाल की प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर, उत्तर प्रदेश में यूनिसेफ के प्रोग्राम मैनेजर अमित मेहरोत्रा, गीताली त्रिवेदी कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के छात्र-छात्राएं व अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे। यूनिसेफ की रिपोर्ट विश्व के 190 देशों में आज जारी हुई है।
राज्यपाल ने यूनिसेफ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि डिजिटल दुनिया श्राप है या वरदान, या इसका उपयोग कैसे करना चाहिए, इस दृष्टि से यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण है। डिजिटल वर्ल्ड से जो प्रगति हुई है उसको शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। हमें नई तकनीकों का प्रयोग देश को आगे बढ़ाने के लिए करना है। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ का प्रयास अभिनन्दनीय है कि वह पूरे विश्व के बच्चों के लिए सुरक्षित एवं सूचनाप्रद डिजिटल प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि इन्टरनेट का प्रयोग करने वालों में बच्चों की संख्या एक तिहाई है। उन्हें डिजिटल दुनिया के खतरों से सचेत करते हुए सुरक्षित आॅनलाइन सामग्री उपलब्ध कराने की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि डिजिटल उपयोग में उनका ज्ञान मोबाइल फोन के प्रयोग तक सीमित है। उन्होंने बताया कि 1954 में बीकाम परीक्षा पास करने के बाद 1955 में जब वे सरकारी सेवा में आये थे तब पहली बार फोन पर बात की थी। उन्होंने कहा कि यह दो पीढ़ियों के बीच का अंतर है।
प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर ने यूनिसेफ के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यूनिसेफ ने बच्चों के विकास, बुनियादी शिक्षा, बाल श्रम आदि को लेकर सराहनीय कार्य किये हैं। डिजिटल वर्ल्ड के सकारात्मक और नकारात्मक दो पक्ष होते हैं। उन्होंने कहा कि सही तरीके से डिजिटाईजेशन के प्रयोग से बच्चों में बदलाव लाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश यूनिसेफ के प्रोग्राम मैनेजर अमित मेहरोत्रा ने कहा कि इन्टरनेट ज्ञान का खजाना है।
महत्वपूर्ण जानकारी बच्चों तक पहुंचाकर उनका जीवन बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में बच्चे इन्टरनेट का सुरक्षित उपयोग करें और उपलब्ध अवसरों का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठायें। कार्यक्रम में अपर पुलिस अधीक्षक डाॅ. अरविन्द चतुर्वेदी ने भी प्रोजेक्टर के माध्यम से जानकारी दी तथा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के छात्राओं ने डिजिटाईजेशन और उसके प्रयोग को लेकर अपने अनुभव साझा किये। इस अवसर पर गीताली ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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