अक्सर मानसिक बिमारियों को हम आम परेशानी समझ कर नज़रंदाज़ कर देते हैं. लेकिन आज के समय में ज्यादातर लोग मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ नहीं महसूस करते. मानसिक परेशानियों को इस तरह नज़रंदाज़ करना आगे चलकर दिक्कत दे सकता है और गंभीर बीमारी का रूप भी ले सकता है.
हम में से बहुत से लोगो को पता भी नहीं होता कि मानसिक बीमारी या दिक्कत होती क्या है. कई बार नींद न आना, अकेले रहना, बेवजह चिड जाना ये सब लक्षण मानसिक दिक्कतों से जुड़े हो सकते है. हम खुद भी कई बार इस बारे में किसी से बात नहीं कर पाते या सही सलाह नहीं ले पाते जिसके चलते धीरे धीरे और बीमार पड़ जाते हैं.
क्या होती हैं मानसिक परेशानियां?
हमारे देश में डिप्रेशन के कारण होने वाली आत्महत्याओं का रिकॉर्ड सबसे ज्यादा है. एक रिपोर्ट के अनुसार 2012 में 1.3 लाख लोगों ने डिप्रेशन के चलते सुसाइड किया. जिनमे युवा सबसे ज्यादा हैं. आज के समय हम न ही खुद को समय दे पाते हैं और न ही अपने परिवार को. इसके चलते कई बार हम अकेला महसूस करने लग जाते है और किसी से बात न कर पाने और जरुरी सलाह न मिलने के चलते अक्सर गलत कदम उठा लेते हैं.
चोरी करने की आदत, यानी क्लेप्टोमेनिया. यह एक प्रकार की मानसिक बीमारी है जिसके चलते इंसान का दिमाग उसे चीज़े चुराने के लिए कहता है. इस बीमारी से परेशान लोग कभी जान कर चोरी नहीं करते.
नींद न आना भी एक तरह का मानसिक विकार है. अक्सर जब हम कई सारी या कोई भी बात सोचते रहते हैं तो हमे ये परेशानी होती है. इस दिक्कत से निपटने का बस एक ही उपाय है कि आप जिससे बात कर सकते हैं उससे जरुरी सलाह लें, किसी से बात लें. अक्सर चुप रहने से अच्छा इलाज़ होता है कि किसी से बात को साझा किया जाये. अगर आप साइकोलॉजिस्ट के पास भी जायेंगे तो वो आप से बात करके ही आपकी समस्या का हल निकलने की कोशिश करेगा.
पायरोमानिया एक ऐसी बीमारी है जिससे ग्रसित लोग अपना गुस्सा निकलने के लिए आग का सहारा लेते हैं. ज्यादर बच्चे और युवा इस परेशानी का सामना करते है और अपना गुस्सा कम करने के लिए आग का सहारा लेते हैं.
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