भारत देश अपने धर्म और आस्था के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्द है. दूर दूर देशों के लोग यहाँ के मंदिरों और धार्मिक स्थलों को देखने आते हैं. भारत की संस्कृति पूरे विश्व में सर्वोपरि है. भारत की संस्कृति और पर्यटक स्थलों की पहचान को बनाये रखने और उनके प्रचार के लिए एक ठोस कदम उठाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग यूपी के 100 धार्मिक स्थलों को विश्व पर्यटन का दर्ज़ा देने की पूरी तैयारी कर रहा है.
अध्यात्मिक वीडियो से होगा प्रचार:
उत्तर प्रदेश के आध्यात्मिक एवं धार्मिक स्थलों की वर्चुअल रियलिटी एंड आगुमेंटेड रियलिटटी टेक्नालॉजी पर आधारित फ़िल्म बंगलुरु की जिम्मेदारी एक फर्म को दी गयी है जिस पर जल्द ही काम शुरू हो जायेगा. इस विडियो फिम ख़ास बात यह होगी कि इसमें उत्तर प्रदेश के 50 मंदिरों, पर्यटक स्थलों और अध्यात्मिक केन्द्रों से जुड़ी बातें, तथ्य और उनकी महत्ता के विषय मे बताया जायेगा. सूत्रों की मानें तो इन में कपिल वस्तु और लुम्बिनी श्रावस्ती भी शामिल है.
प्रदेश के यह स्थल हैं शामिल:
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश के 100 अध्यात्मिक स्थलों, धर्म स्थलों और मंदिरों को विश्व पर्यटन स्थल घोषित किया जायेगा. विभाग ने जिन 100 स्थलों को इसके लिए चुना है, उनमें गोरखपुर-बस्ती मंडल के गोरखनाथ मठ और गोरखनाथ मंदिर और कुशीनगर का महापरिनिर्वाण मंदिर समेत 10 मंदिर, स्तूप और धार्मिक स्थल शामिल हैं.
गोरखनाथ मठ, वृंदावन का बांके विहारी मंदिर, वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर, अयोध्या का रामलला मंदिर, इलाहाबाद का संगम, चित्रकूट का रामधारा, मथुरा का बलेदव दाऊजी मंदिर को विश्व पर्यटन का दर्ज़ा मिलेगा.
पर्यटन विभाग द्वारा यह काम तीन चरणों में किया जायेगा. पहले चरण में अध्यात्मिक स्थलों और मंदिरों को इस लिस्ट में शामिल किया जायेगा और तीसरे चरण में इन धार्मिक स्थलों के प्रचार प्रसार के लिए वर्चुअल रियलिटी एंड आगुमेंटेड रियलिटटी टेक्नालॉजी पर आधारित फ़िल्म का निर्माण किया जायेगा.