उत्तर प्रदेश का पहला मदर मिल्क बैंक (mother milk bank) राजधानी स्थित एसजीपीजीआई या फिर केजीएमयू में स्थापित किया जाएगा। इसे दिल्ली के कलावती सरन हॉस्पिटल में बने मदर मिल्क बैंक के तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
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- इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं से भी मदद ली जाएगी।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन इस दिशा में काम कर रहा है।
- शिशु मृत्यु दर घटाने व कामकाजी महिलाओं के लिए यह मिल्क बैंक एक वरदान साबित होगा।
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एसजीपीजीआई ने दिखाई दिलचस्पी
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उप महाप्रबंधक बाल स्वास्थ्य डॉक्टर अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि सरकारी क्षेत्र में प्रदेश का पहला मदर मिल्क बैंक लखनऊ में स्थापित होगा।
- इसके लिए एसजीपीजीआई ने दिलचस्पी दिखाई है।
- इसके लिए कलावती अस्पताल के मॉडल का अध्ययन किया जा रहा है।
- डॉक्टर वर्मा ने बताया कि यह मिल्क बैंक कामकाजी महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होगा।
- वह अपने बच्चों के लिए मिल्क इस बैंक में सुरक्षित रख ना सकेंगी।
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6 माह तक रहेगा सुरक्षित
- इस बैंक में मां के दूध को 6 महीने से अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
- मदर मिल्क बैंक में इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप मशीन होती है।
- इसके माध्यम से डोनर से दूध लिया जाता है।
- इस दूध का माइक्रोबायलॉजिकल टेस्ट होता है।
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- रिपोर्ट में दूध की गुणवत्ता सही होने के बाद उसे कांच की बोतलों में 30-30 मिलीलीटर की यूनिट बनाकर-20 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर सुरक्षित रख दिया जाता है।
- एक शोध के अनुसार 25% से 30% बच्चे काफी कमजोर होते हैं और उन्हें मां का दूध ना मिलने पर स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।
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- ऐसे में मां का दूध उनके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।
- मदर मिल्क बैंक से कई तरह के लाभ होंगे।
- मां के दूध से बच्चों में बीमारी से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, बच्चा स्वस्थ रहेगा।
- जबकि दीर्घकाल में ऐसे बच्चों को दिल संबंधी रोग मोटापा और ब्लड प्रेशर की समस्या अपेक्षाकृत कम होती है।
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- मां का दूध पीने वाले बच्चे भावनात्मक और मानसिक स्तर पर मजदूर होते हैं।
- मां का दूध आसानी से पच जाता है।
- बच्चों को बाहर का पानी या कुछ और आहार देने से उन्हें डायरिया होने का खतरा है।
- जबकि मां के दूध से नवजात को शारीरिक व मानसिक विकास में मदद मिलती है।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.