एक तरफ लखनऊ में जन्मे जीतू राय रियो ओलिंपिक तक पहुँच चुके हैं, मगर फिर भी राजधानी में तीरंदाजी की स्थिति चिंता करने लायक है। पूरी राजधानी में तीरंदाजी के लिए आवश्यक उपकरण मात्र एक स्कूल, जो कि राजा बाज़ार स्थित हनुमान प्रसाद गर्ल्स इंटर कॉलेज में है, के ही पास है। पूरे राजधानी के तीरंदाज सिर्फ एक धनुष व कुछ तीर की बदौलत यहाँ पर अभ्यास करते है।
- सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात है कि यहाँ इस खेल का कोई कोच ही नहीं है।
- यह खेल वॉलीबाल के कोच द्वारा सिखाया जाता है। उनसे पूछने पर उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में खिलाडी लाखो के धनुष का इस्तेमाल करते है
- मगर इस खेल की शुरुआत के लिए मौजूदा धनुष जो 15 हज़ार का है, उपयुक्त है।
- साथ ही वह यह कहती है कि शासन द्वारा कोच की नियुक्ति न होने के कारण वह नेट से पढ़ कर तीरंदाजी सिखाती है।
- आपको बता दे कि वर्तमान समय में तीरंदाजी के लिए खेल विभाग की तरफ से सोनभद्र में एक हॉस्टल की शुरुआत की गयी है जिसमे 20 लड़के और मात्र 5 ही लडकियां है।
- खेल विभाग प्रशिक्षक एम पी सिंह ने बताया कि यूपी आर्चरी एसोशिएशन को कई बार इस बाबत पत्र लिखने पर जवाब मिला जल्द ही एक समिति गठित कर इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएँगे।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें