इस बार की नवरात्रि 1 अक्टूबर 2016, शनिवार से प्रारंभ हो रही है. जब नवरात्रि शनिवार से शुरू होती है तो माता का वाहन अश्व होता है. पुराणी मान्यता है कि जब माता अश्व पर आती है तो दो राजाओं में युद्ध की स्थति बनती है.
नवरात्रि में भूलकर भी यह गलतियाँ न करें-
- नवरात्रि में काले रंग के वस्त्र बिल्कुल नहीं पहनने चाहिए क्योंकि कला रंग राक्षसी शक्तियों का वास है.
- तामसिक भोजन जैसे प्याज़, लहसुन, मांस, मदिरा आदि का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
- तामसिक तत्वों के प्रयोग से शरीर को हानि पहुंचाते है.
- पूजा और व्रत हमारी एकाग्रता में वृद्धि करने के लिए होता है, इसलिए इस समय दिन में सोना नहीं चाहिए.
- बाल और नाख़ून उगाने में शरीर की बहुत शक्ति लगती है इसलिए इस समय नाख़ून और बाल न काटें.
- अगर घर में मुंडन-संस्कार करवा सकते है क्योंकि छोटे बच्चों द्वारा व्रत नहीं रखा जाता.
- नवरात्री के समय घर बंद करके नहीं जाना चाहिए.
- माँ जगदम्बा अन्न से बना प्रसाद ग्रहण नहीं करती इसलिए माँ दुर्गा को अन्न का भोग नहीं लगाना चाहिए.
- खट्टी चीज़ों खाने से मन रुपी अश्वों पर संयम नहीं रहता इसलिए नवरात्री में खट्टे-चटपटे पदार्थों का प्रयोग न करे.
- यह पर्व नारी के सामर्थ्य और शक्ति को प्रकट करता है.
- इसलिए इस समय घर आयी किसी भी कन्या को खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए.
- व्रत रखने वाले को चमड़े से बनी चीज़ों, कैंची का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
- किसी की निंदा, चुगली, लड़ाई, मार-पीट और कलह से बचना चाहिए.
- अष्टमी और नवमी के दिन जब कंजक पूजे तो सब कंजकों में माता का रूप देखें.
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