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World Water Day 2017: पानी कह रहा है ‘बचाओ’

World Water Day

जल ही जीवन है, ये हम बचपन से सुनते आ रहे हैँ। फिर भी हम पानी की महत्ता को नहीं समझते है। उत्तर प्रदेश की जमीन पानी से लबालब है। फिर भी पानी का संकट है। वजह है पानी की बर्बादी और अंधाधुंध उपयोग। जानकारों की माने तो पूरी धरती पर पीने योग्य पानी मात्र दो 0.8 प्रतिशत ही शेष है, यही कारण है कि आज जल संरक्षण पर बहुत जोर दिया जा रहा है।

पानी का करें संरक्षण

वैज्ञानिकों का कहना है कि पानी की बर्बादी के कारण पेयजल की मात्रा में लगातार गिरावट आ रही है। हमें यह बात अच्छे से समझने होगी कि पृथ्वी पर मानव के लिए असीमित मात्रा में जल नहीं है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम पानी का संरक्षण करें और उसे प्रदूषित होने से बचायें ताकि पृथ्वी पर पेयजल की उपलब्धता बनी रहे।

ज्यादातर लोगों तक नहीं पहुंचा है स्वच्छ पेयजल

विश्व की समस्त भूमि का केवल 2.4 प्रतिशत भाग ही भारत के पास है। जबकि भारत में विश्व की जनसंख्या का 16.7 प्रतिशत रहता है। जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों पर और भार बढ़ रहा है। जनसंख्या दबाव के कारण कृषि के लिए व्यक्ति को भूमि कम उपलब्ध होगी। जिससे खाद्यान्न, पेयजल की उपलब्धता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, लोग वंचित होते जा रहे हैं। भारत में अभी तक 75.8 मिलियन लोगों तक सुरक्षित पेयजल नहीं पहुंच पाया है।

जल का हल

हमने कभी पानी के मोल को नहीं समझा और देखते ही देखते पानी अनमोल हो गया। हालात ऐसे आ गए हैं कि देश भर में कई जगह लोग बूंद-बूंद पानी को तरसने लगे हैं। ऐसे में पानी की बचत ही भविष्य को संजो कर रखने का एक साधन बचता है। हम और आप ऐसे कर सकते हैं पानी की बचत…

जब करें ब्रश या शेव: अक्सर लोग टूथब्रश या शेव करते वक्त वॉश बेसिन में पानी के टैप को खुला छोड़ देते हैं। ऐसे न करें। इससे पानी की काफी बर्बादी होती है।

जब नहाने जाएं: नहाने में काफी पानी बर्बाद होता है। खासतौर पर शावर से नहाने में। बाल्टी में पानी लेकर नहाएं। बच्चे भी नहाते वक्त काफी पानी बर्बाद करते हैं।

टपकने पर नजर: टपकता पानी देखने में कम नजर आता है लेकिन पूरे दिन में इस तरह से कई लीटर पानी बह जाता है। हो सके तो हर साल मेटैलिक टैप के वाशर बदलवा लें। लोग मेन टैप पर तो नजर रखते हैं लेकिन टॉयलेट और सिस्टर्न से टपकते पानी पर ध्यान नहीं देते।

कार-बाइक की धुलाई: कार या बाइक की धुलाई रनिंग वॉटर से करने के बजाय बाल्टी से करें। ऐसा करने से तकरीबन 350 लीटर पानी हर महीने बचा सकते हैं।

कपड़ों की धुलाई: हो सके तो छोटे कपड़ों की रेग्युलर धुलाई हाथों से ही करें। रोज वॉशिंग मशीन लगाने से बेहतर है, हफ्ते में 2 दिन ही लगाएं। अब मार्केट में कम पानी की खपत में कपड़े धोने वाली फ्रंट लोड मशीनें आ गई हैं, इन्हें ही खरीदें।

सिस्टर्न फिट तो वॉशरूम हिट: टॉयलेट में नए जमाने के सिस्टर्न (फ्लश) 2 पुश बटनों के साथ आते हैं। एक छोटा और एक बड़ा। छोटे बटन से ही फ्लैश करें। इससे कम पानी में सफाई हो जाएगी।

जब सब्जी-बर्तन धोएं: किचन में सब्जियां या बर्तनों को रनिंग वॉटर में न धो कर, बर्तन में पानी भर कर धोएं। सब्जियां और बर्तनों को धोने में इस्तेमाल होने वाले पानी को नाली में बहने के बजाय पौधों में डालने के लिए यूज करें।

पेट्स को नहलाएं: अपने पेट्स को लॉन में नहलाएं ताकि पानी घास और पौधों को मिल सके।

बर्फ न करें बर्बाद: अगर ड्रिंक्स पीने के बाद गिलास में आइस क्यूब्स बच जाएं तो उन्हें सिंक में फेंकने के बजाय पौधों के गमले में डाल दें। ऐसे ही जमीन पर गिरी बर्फ के साथ भी कर सकते हैं।

वॉटर मीटर पर रखें नजर: घर पर लगा वॉटर मीटर आपको पानी की खपत पर नजर रखने में मदद करेगा। एक दिन रात में मीटर की रीडिंग लें और अगले दिन फिर उसी वक्त पर रीडिंग लें। इससे खपत पर नजर रख कर बचत की जा सकती है।

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