गुमनाम जीवन जीने को मजबूर पूर्व हॉकी कोच इमरान अपने समय के एक बेहतरीन प्रशिक्षक रह चुके हैं। आज वह आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटी की शादी के लिए घर-घर जाकर सामान बेचने को मजबूर हैं।
कौन हैं इमरान :
- इमरान मूलरूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले हैं।
- 1973 में रोजी-रोटी की तलाश में वे अपने परिवार के साथ गोरखपुर आये थे।
- यहां खाद्य कारखाने में स्पोर्ट्स कोटे पर उन्हें नौकरी मिली थी।
- 2002 में खाद्य कारखाना अचानक बंद होने के कारण उनकी नौकरी चली गई थी।
- इसके बाद उन्होंने स्पोर्ट्स लोअर बनाना शुरू किया, लेकिन वह कार्य भी बंद हो गया।
- इसके बाद उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गयी थी।
- बेटी की शादी के लिए उन्होंने घर-घर जाकर स्पोर्ट्स-किट बेचना शुरू किया।
- आपको बता दें कोच इमरान ने देश को 8 इंटरनेशनल और 50 नेशनल हॉकी खिलाड़ी दिए हैं।
गुरु ध्यानचंद के थे शिष्य :
- आपको बता दें कि इमरान ने 70 के दशक में मेजर ध्यानचंद और केडी सिंह से हॉकी सीखी थी।
- साथ ही उनको हॉकी में कई सम्मानों से नवाज़ा गया है।
- गोरखपुर यूनिवर्सिटी से इन्हें गुरुश्री का अवॉर्ड मिला था।
- साथ ही इन्हें राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड, ‘द रीयल हीरो ऑफ सोसायटी से भी नवाज़ा गया था।
रेसलर संग्राम ने बढ़ाया मदद का हाथ :
- आपको बता दें कि रेसलर व् एक्टर संग्राम सिंह ने इमरान की मदद करने का ऐलान किया है।
- उन्होंने कहा कि वह उनकी बेटी की शादी का पूरा खर्च उठाएंगे।
- इसके साथ ही संग्राम ने हॉकी एकेडमी में उन्हें नौकरी दिलाने का वादा भी किया है।
- साथ ही ऐसे जरुरतमंदो के लिए संग्राम चैरिटेबल फाउंडेशन भी खोला जा रहा है।
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