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हिन्दू धर्म में कई ग्रन्थ काफी प्रसिद्द है जिनसे सम्पूर्ण मानव जाति को काफी कुछ सीखने को मिलता है। इनमें रामायण को देखें तो उसमें संदेश दिया गया है कि अपनी पत्नी को बचाने के लिए और संसार को दुष्ट शक्तियों से छुटकारा दिलाने के लिए कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। ऐसा ही कुछ महाभारत में भी दिया गया है कि किस तरह एक घटना से ही पूरे कौरव वंश खत्म हो गया था। महाभारत में ही एक घटना ऐसी भी हुई कि जिसके बाद पांडवो में सबसे बड़े युधिष्ठिर (yudhisthira) ने सम्पूर्ण नारी जाति को एक श्राप दे डाला था। वह श्राप भी ऐसा था कि सदियों बाद भी उसका असर आज तक बना हुआ है।
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सम्पूर्ण नारी जाति को दिया श्राप (yudhisthira) :
- महाभारत के दौरान पांड्वो और कौरवो में युद्ध हुआ था जो एक इतिहास बन चुका है।
- इसकी शुरुआत पाण्ड्वो द्वारा द्रौपदी को दाँव पर लगाने के बाद हुई थी।
- इसी युद्ध में पाण्ड्वो के खिलाफ उनका ही भाई कर्ण कौरवो का साथ दे रहा था।
- शास्त्रों में बताया गया है कि जब कर्ण का वध अर्जुन ने किया था तो कुंती ने बहुत विलाप किया था।
- ये नजारा देखते ही सभी पाण्डव हैरान रह गये कि उनकी माँ ऐसा क्यों कर रही है।
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- पांडवो में सबसे बड़े युधिष्ठिर ने माता कुंती से ऐसा करने का कारण पूछा तो सभी हैरान रह गये।
- माता कुंती ने बताया कि कर्ण उन्हीं का भाई और फिर इसके पूछे की पूरी कथा उन्हें बताई।
- कुंती द्वारा सच का पता लगने पर पाँचो पांडवो को काफी दुःख पहुँचा था।
- सबसे ज्यादा दुखी युधिष्ठिर ने कुंती से कहा कि उन्होंने हमें अपने ही भाई का हत्यारा बना दिया।
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- युधिष्ठिर सहित सभी भाइयो को इस घटना से काफी आघात पहुँचा था।
- इसके बाद ही युधिष्ठिर ने समस्त नारी जाति को एक श्राप दे डाला था।
- युधिष्ठिर ने कहा था कि आज के बाद कोई भी नारी अपने ह्रदय में कोई बात नहीं छिपा पायेगी।
- इसके बाद से आज तक कोई स्त्री आसानी से अपने अंदर कोई राज ज्यादा देर नहीं छिपा पाती है।
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