हादसा ये अमृतसर !
त्राहिमाम-त्राहिमाम । सस्ती हुई जान ।। घोर लापरवाही । हर लिए प्राण ।। असह्य अब पीड़ा । हादसा ये अमृतसर…
व्यंग: नैतिकता लाचार!
टूट रहे विधायक । जुट रही सरकार ।। जनसेवा हावी । नैतिकता लाचार ।। राजनीतिक अखाड़ा । पटखनी पर ज़ोर…
व्यंग: बेपटरी अब रेल
बेपटरी अब रेल । लापरवाही चरम ।। शक हो रहा रेलवे । ना निभाते धरम ।। मुआवज़ा-निलंबन । सुनते केवल…
व्यंग: लूँगा अब नाम !
सियासी मजबूरी । लूँगा अब नाम ।। खिसका जनाधार । बोलो जयश्रीराम ।। बदली है रंगत । कायापलट जारी ।।…
व्यंग: समाजवाद विखराव!
हुए दो फाड़ । वर्चस्व की जंग ।। होना ये अलग । लाएगा उमंग ? फट गया पोस्टर । नेताजी…
व्यंग: कुर्सी ली अँगड़ाई ?
रैलियों का दौर । मंच हो रहे साझा ।। कोई मानसरोवर । और कोई ख्वाजा ।। सिंहासन की जंग ।…
व्यंग: कौन है विभीषण ?
चढ़ा सियासी पारा । बुआ और अजित ।। शांतचित बबुआ । असमंजस घटित ।। गठबंधन पर ग्रहण । टिकी हैं…
व्यंग: हर वर्ग सिरमौर ?
भागवत उवाच । नया हिन्दुत्व ।। समझायी परिभाषा । मुसलमान महत्व ।। नागपुर तटस्थ । करता ना दखल ।। राजनीति…
व्यंग: चुनाव की ये बेला..
चुनाव की ये बेला । दोषारोपण जारी ।। उछालना कीचड़ । प्राथमिकता हमारी ।। भटक रहे मुद्दे । वादों की…
व्यंग: जानती ये दुनिया !
गर्म हुआ बाज़ार । माल्या और जेटली ।। केवल हैंडशेक । या चर्चा चली ? अगर इमानदार । तुम माल्या…