उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी में इतने दिनों से मचा कोहराम आखिकार अपने उस चरम में पहुँच गया है, जिसके बाद पार्टी में मुलायम सिंह यादव के युग का अंत कर दिया गया है।

पार्टी के संस्थापक को ही दिखाया गया पार्टी से बाहर का रास्ता:

लखनऊ में 1 जनवरी को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अधिवेशन बुलाया था, अधिवेशन में मुख्यमंत्री अखिलेश को  राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया गया। जिसके बाद पार्टी में मुलायम युग का अंत कर दिया गया है। हालाँकि, सपा प्रमुख ने इस फैसले को फर्जी बताया है। गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अधिवेशन में शिवपाल सिंह यादव और अमर सिंह को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

जिस नाम से चिढ़े थे उसी को किया चरितार्थ:

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सपा प्रमुख को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाकर खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बन बैठे हैं। जिसके बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति के गलियारे में एक नए युग की शुरुआत हो चुकी है, हालाँकि यह युग कैसा होगा इस पर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। वहीँ कुछ लोग मुख्यमंत्री अखिलेश के इस कदम को बेहद निराशापूर्ण मान रहे हैं, हालाँकि सीएम समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। वहीँ मुख्यमंत्री अखिलेश जिस नाम के कारण मीडियाकर्मियों पर एक निजी कार्यक्रम में जमकर बरसे थे, जाने या अनजाने आज उसी नाम को पूरी तरह चरितार्थ कर बैठे हैं।

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नए युग का आरम्भ हो गया है, जिसकी शुरुआत बड़े ही खतरनाक तरीके से की गयी है।

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