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उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के 5 चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं, जिसके तहत सभी दल अन्य विधानसभाओं में चुनाव के चलते प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के अगले दो चरणों का मुकाबला पूर्वांचल के सियासी मैदान में खेला जायेगा। पूर्वांचल के इस जिले में समाजवादी पार्टी की साख दांव पर लगी है। जहाँ उस पर अपने बीते प्रदर्शन को दोहराने का दबाव होगा।
अगले पेज पर जानें किस जिले में समाजवादी पार्टी की साख दांव पर लगी:
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आजमगढ़ में सपा का इम्तिहान:
- आगामी 4 और 8 मार्च को पूर्वांचल के क्षेत्रों में मतदान होना है।
- पूर्वांचल के एक जिले में समाजवादी पार्टी की साख भी दांव पर लगी है।
- आजमगढ़ में सपा का कड़ा इम्तिहान होने वाला है।
- गौरतलब है कि, साल 2012 में सपा को आजमगढ़ जिले में 10 में से 9 सीट मिली थीं, जबकि 1 सीट बसपा को।
- इस बार आजमगढ़ में अखिलेश यादव की सबसे बड़ी जिम्मेदारी अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने की होगी।
सपा प्रमुख के बिना मुश्किल है राह:
- आजमगढ़ में अखिलेश यादव की राह इस बाद सपा प्रमुख के बिना काफी मुश्किल होने वाली है।
- बीते दिनों राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी छीने जाने के बाद सपा प्रमुख ने अखिलेश के प्रचार अभियान से किनारा कर लिया है।
- सपा प्रमुख की नाराजगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि,
- “मुलायम सिंह शिवपाल और अपर्णा के लिए प्रचार कर चुके हैं”।
- लेकिन अभी तक सपा प्रमुख ने अपने संसदीय क्षेत्र में एक भी जनसभा नहीं की है।
- वहीँ अब छठे चरण के चुनाव में ज्यादा समय भी नहीं बचा हुआ है।
- गौरतलब है कि, आजमगढ़ के सपा जिलाध्यक्ष ने सपा प्रमुख को चिट्ठी लिखकर जनसभा करने की बात भी कही थी।
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