पिछले दिनों मुलायम कुनबे में शुरू हुआ सियासी संग्राम अभी भी पूरी तरह से थमा नहीं है, बल्कि वर्चस्व की यह लड़ाई और भी बढऩे के आसार हैं। सोमवार को अपने नए कार्यालय भवन के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बेझिझक इसके भरपूर संकेत भी दिये। सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की ओर से सोमवार को नौ विधानसभा क्षेत्रों में सपा प्रत्याशियों की घोषणा किये जाने और 17 पार्टी उम्मीदवारों के टिकट बदले जाने के एलान पर अखिलेश ने कहा कि भले ही उन्होंने टिकटों के बंटवारे का अधिकार छोड़ दिया है लेकिन आखिर में जीत उसी की होगी, जो तुरुप का इक्का चलेगा।
अखिलेश को लगा तगड़ा झटकाः
- आज के टिकट बंटवारे में अखिलेश यादव को सबसे बड़ा झटका अमनमणि को टिकट दिया जाना रहा।
- महाराजगंज जिले में नौतनवा से अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी को सपा उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।
- मालूम हो कि अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ खुद अखिलेश यादव ने पत्नी सारा सिंह की हत्या के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
- अमनमणि त्रिपाठी ने सारा से 2013 में शादी की थी।
- इसके कुछ ही दिनों के बाद दोनों पती-पत्नी के बीच झगड़ा होने लगा था।
- बाद में सारा की हत्या कर दी गयी थी।
- मामले ने तूल पकड़ा तो अखिलेश यादव ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
- गौरतलब है कि अमनमणि के पिता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी पहले सही मधुमिता हत्याकांड के मामले में जेल में सजा काट रहे हैं।
महासंग्राम का सपा को आगामी विधानसभा चुनाव में होगा भारी नुकसान
मुलायम के घर पर बैठकः
- टिकट बंटवारे से साफ है कि परिवार में शुरू हुई कलह इतनी आसानी से नहीं खत्म होगी।
- टिकट बंटवारे के बाद सीएम ने आज आलीशान नए मुख्यमंत्री आवास का उद्घाटन किया।
- लेकिन इस खुशी के पल में भी अखिलेश यादव बुझे-बुझे से नजर आयें।
- इसके बाद सोमवार दोपहर मुलायम सिंह यादव ने अपने आवास पर महत्वपूर्ण बैठक बुलाई।
- इस बैठक में शिवपाल यादव, अखिलेश यादव और प्रो. रामगोपाल ने हिस्सा लिया।
- बैठक के बाद रामगोपाल ने कहा कि अखिलेश और शिवपाल के बीच कोई मतभेद नहीं है।
- टिकट का बंटवारा मुख्यमंत्री नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी का पार्लियामेंट्री बोर्ड करता है।