यूपी चुनाव के लिए बीजेपी के टिकट वितरण पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा. कई नए चेहरों को बीजेपी ने टिकट दिया जो किसी ना किसी दिग्गज के परिवार के सदस्य हैं. ऐसा ही एक नाम संदीप सिंह का है. संदीप सिंह यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पोते हैं. अतरौली विधानसभा सीट से संदीप सिंह अपने राजनीतिक सफ़र की शुरुआत करने जा रहे हैं.
कल्याण सिंह की पारंपरिक सीट है अतरौली:
कल्याण सिंह की पारंपरिक सीट होने के कारण अतरौली चर्चा में रही है. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने इस सीट से 10 बार जीत हासिल की.अब इस सीट से उनके पोते संदीप सिंह को बीजेपी ने चुनाव मैदान में उतारा है. 25 वर्षीय संदीप सिंह का ये पहला विधानसभा चुनाव है और कल्याण सिंह की विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब संदीप पर है.
ब्रिटेन से पढ़कर लौटे हैं संदीप:
ब्रिटेन की लीड्स बेकेट यूनिवर्सिटी से पब्लिक रिलेशन में पी.जी. की डिग्री प्राप्त कर संदीप सिंह भारत लौटे हैं. बीजेपी उम्मीदवार के रूप में संदीप सिंह गांवों का दौरा कर रहे हैं.उन्हें उम्मीद है कि अपने दादा के नाम पर यहाँ से उनको समर्थन मिलेगा. पार्टी के नेताओं का भी मानना है कि कल्याण सिंह का प्रभाव इस सीट पर है और यहाँ से संदीप की राह आसान दिखाई दे रही है. संदीप सिंह गाँव की गलियों में घूमकर वोट मांग रहे हैं. उन्हें उम्मीद है दादा के बाद अब पोते को भी इस सीट पर जीत मिलेगी.
2012 में अतरौली सीट पर समाजवादी पार्टी का था कब्जा:
2012 में अतरौली की सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी वीरेश यादव ने जीत हासिल की थी. समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर से वीरेश पर भरोसा दिखाया है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन के बाद वीरेश चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में इस सीट पर मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है.