उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के तहत सभी राजनैतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुके हैं, इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। वहीँ अन्य राजनैतिक दलों पर परिवारवाद के विषय को लेकर हमला करने वाली भाजपा की सूची को गौर से देखें तो पाएंगे कि, भाजपा पर भी परिवारवाद का रंग चढ़ने लगा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील बेअसर:
- भाजपा ने यूपी चुनाव के तहत अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते दिनों कहा था कि, पार्टी के लोग परिवार के लिए टिकट न मांगे।
- लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर पीएम की अपील का कोई ख़ास असर नजर नहीं आया है।
- भाजपा द्वारा जारी सूची में परिवारवाद का गहरा असर दिख रहा है।
रविवार को जारी की 155 प्रत्याशियों की सूची:
- भाजपा ने रविवार 22 जनवरी को यूपी चुनाव के मद्देनजर 155 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी।
- जिसमें से 94 नए चेहरों, 30 अन्य दलों से आये नेताओं और 15 भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिए गए हैं।
- साथ ही भाजपा ने अपनी सूची में 52 फ़ीसदी सवर्णों को टिकट दिए हैं।
- ज्ञात हो कि, भाजपा अभी तक 304 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर चुकी है।
परिवारवाद की राह पर भाजपा:
- भाजपा का परिवारवाद यूपी चुनाव में साफ़ तौर पर देखा जा सकता है।
- जहाँ पार्टी के बड़े नेता अपने रसूख के इस्तेमाल से अपने परिवारजनों को टिकट दिलवा रहे हैं।
- भाजपा ने राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह की बहू और पोते को टिकट दिया है।
- गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को नोएडा से प्रत्याशी बनाया गया है।
- साथ ही मौजूदा MLA विमला बाथम का टिकट काट दिया गया है।
- भाजपा ने सांसद हुकुम सिंह के बेटी मृगांका सिंह को भी टिकट दिया है।
- इसके अलावा बढ़ापुर से सांसद सर्वेश सिंह के बेटे सुशांत सिंह और,
- मलिहाबाद से एमपी कौशल किशोर की पत्नी जयदेवी को टिकट मिला है।
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