उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तस्वीर अब साफ़ होने लगी है, चुनाव आयोग द्वारा चुनाव निशान सौंपे जाने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश बुधवार 18 जनवरी को कभी भी सपा-कांग्रेस गठबंधन का ऐलान कर सकते हैं।
खुलकर बोलने लगे हैं कांग्रेस नेता:
- यूपी में समाजवादी पार्टी अब गठबंधन के साथ चुनाव के रण में उतरेगी इस पर सभी का संशय खत्म हो गया है।
- इसी के साथ ही कांग्रेस नेता भी अब समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की बात पर खुलकर बोलने लगे हैं।
- सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव कांग्रेस के लिए 89 सीट और रालोद के लिए 20 सीटें छोड़ सकते हैं।
- यूपी में कांग्रेस की मुख्यमंत्री उम्मीदवार शीला दीक्षित ने तो ये तक कह दिया है कि, उन्हें सीएम की दावेदारी छोड़ ख़ुशी होगी।
गठबंधन की चुनौतियां:
- कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन की ख़बरें बुधवार को कभी भी आ सकती हैं।
- लेकिन सपा-कांग्रेस के इस गठबंधन में कई चुनौतियां भी हैं, जिससे मुख्यमंत्री अखिलेश को दो-चार होना पड़ सकता है।
- सूत्रों के अनुसार, सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर मुश्किलें हो सकती हैं।
- ऐसा कहा जा रहा है कि, कांग्रेस ने सपा के कब्जे वाली करीब 1 दर्जन सीटें मांगी हैं।
- जिसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश के सामने धर्मसंकट खड़ा हो गया है।
- अगर मुख्यमंत्री अखिलेश कांग्रेस की बात मान लेते हैं तो पार्टी में एक बार फिर से बगावत छिड़ सकती है।
- इन 10 सीटों के प्रत्याशी निर्दलीय या सपा के विरोधी दलों के साथ मिल चुनाव लड़ सकते हैं।
- इसी के तहत सपा के करीब 1 दर्जन से अधिक प्रत्याशी कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे।
- आंकड़ों पर नजर डालें तो वे कांग्रेस और गठबंधन की कहानी साफ़ कह रहे हैं।
- साल 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 27 और RLD को 9 सीटें मिली थीं।
- गौरतलब है कि, कांग्रेस के 8 और RLD के विधायक दल के नेता चौधरी दलबीर सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं।