परिवार में मचे घमासान के कुछ शांत होने के बाद सपा प्रमुख उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में बड़ी चुनावी रैली के साथ समाजवादी पार्टी का चुनावी शंखनाद करने जा रहे हैं। इससे पहले एक्सप्रेस वे के उद्घाटन के मौके पर परिवार के सभी सदस्यों ने एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की थी। संभावना है कि परिवार की इस एकजुटता पर जल्द ही ग्रहण लग सकता है। दसअसल सपा प्रमुख की गाजीपुर रैली दो मायनो में खास है पहला कि गाजीपुर रैली के जरिये सपा प्रमुख पार्टी का चुनावी आगाज करन जा रहे हैं। दुसरा इस रैली में कौमी एकता दल और अंसारी बंधुओं की जबरदस्त भूमिका होगी।
- कौमी एकता दल से गठबंधन को लेकर ही अखिलेश और शिवपाल के बीच तनातनी हुई थी।
- अखिलेश के जबरदस्त विरोध के बावजूद मुलायम ने कौमी एकता दल का सपा में विलय कर लिया था।
- बड़ा सवाल यह है कि क्या कौमी एकता दल के नेताओं के साथ अखिलेश मंच साझा करना चाहेंगे?
- कौमी एकता दल का यहां प्रभाव है, साफ है कौमी एकता दल के नेता मंच पर मौजूद होंगे।
- मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी सपा प्रमुख की इस रैली में बतौर आयोजक की भूमिका में है।
- जिसके बाद लोगों के मन में बड़ा सवाल है कि क्या अखिलेश अंसारी बंधुओं के साथ मंच साधा करेगें।
- वहीं, मुलायम की रैली में भीड़ जुटाकर कौएद नेता अपनी ताकत का एहसास भी करना चाहेंगे।
अंसारी बन्धुओं के प्रभाव वाला क्षेत्रः
- पूर्वांचल के इस हिस्से में कौमी एकता दल का प्रभाव है।
- गाजीपुर के मोहम्दाबाद सीट पर मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी विधायक हैं।
- वहीं गाजीपुर जिले के सैदपुर, जंगीपुर, जमानिया और गाजीपुर विधान सभा सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है।
असमंजस में अखिलेशः
- सूत्रों के मुताबिक, सपा प्रमुख का कार्यक्रम होने के बावजूद अखिलेश यादव इस रैली में शामिल नहीं होंगे।
- रैली से एक दिन पहले ही उन्होंने लखनऊ में अपने आवास से ही गाजीपुर के सैदपुर में बने पुल का लोकार्पण कर दिया है।
- दूसरी तरफ यदि गाजीपुर रैली में अखिलेश यादव नहीं जाते हैं।
- तो यह सवाल उठना लाजिमी है कि परिवार के भीतर अभी सब कुछ ठीक नहीं हुआ है।
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