उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन मे शामिल होने की खबरो के बीच कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा इसके विरोध में खड़ा हो गया है। इस मुखालफत में सबसे पहले नाम यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर का है। राजबब्बर खुल कर महागठबंधन का विरोध कर रहे हैं। राजबब्बर का यह विरोध महागठबंधन से ज्यादा समाजवादी पार्टी के लिए है। वहीं समाजवादी पार्टी जहा से उन्हें बेईज्जती हासिल हुई थी।
- राजब्बर ने अमर सिंह की वजह से मुलायम सिंह यादव का साथ छोड़ा था।
- आज जब अमर सिंह एक बार फिर मुलायम के साथ है तो राजबब्बर सपा से समझौते के पक्ष में नहीं है।
- वह इस गठबंधन के सख्त खिलाफ है, और इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
- कांग्रेस रणनीतिकार प्रशान्त किशोर गठबंधन की कोशिशों के तहत सपा मुखिया से कई दौर की वार्ता कर चुके हैं।
- इस बात के संकेत भी है कि यूपी मे होने वाले महागठंबधन मे कांग्रेस शामिल हो सकती है।
- हालांकि सीटों के बंटवारे पर सहमति ना बनने से मामला फंसा हुआ हा।
- पीके के इन प्रयासों से राजबब्बर वाकिफ है लिहाजा उन्होने खुला विरोध शुरु कर दिया है।
सबको साथ लेकर चलने की चुनौतीः
- अपनों के विरोध के बाद कांग्रेस के लिये महागठबंधन से पहले अपने घर को महफूज रखना भी बडी चुनौती है।
- मालूम हो कि कांग्रेस के कई विधायक औऱ नेता दूसरे दलो मे जगह तलाश रहे है।
- पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी पहले ही बीजेपी के पाले में जा चुकी हैं।
- अब वर्तमान अध्यक्ष राजबब्बर की नाराजगी चुनाव के वक्त मे कांग्रेस पर भारी पड सकती है।
- ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस महागठबंधन के लिए कौन सा नया फार्मूला निकालती है।
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