केन्द्र सरकार के नोटबंदी के फैसले का असर अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है। सूत्रों की माने तो यूपी के विधानसभा चुनाव अब अप्रैल तक स्थगित हो सकते है। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग मार्च के अन्त में आदर्श आचार संहिता लागू करने पर विचार कर रहा है। अगर ऐसा हुआ तो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अप्रैल से पहले नहीं कराए जा सकेंगे।
- 1000 और 500 रुपये के पुराने नोट बंद करने के बाद सभी क्षेत्रों में इसका असर देखा जा रहा है।
- ऐसे में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भी इसका असर पड़ना तय है।
- जानकारों का मानना है कि इस बार के चुनाव में पिछले चुनावों की अपेक्षा कम खर्च होगा।
- सभी राजनीतिक दलों को अपने खर्चों में कटौती करनी पड़ सकती है।
- नोटबंदी के बाद तमाम राजनीतिक दलों के चुनावी प्रचार अभियान पर अभी से असर दिखाई देने लगा है।
- नोटबंदी के बाद कई राजनीतिक दलों अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है।
- तो कई चुनावी कार्यक्रमों की डेट आगे बढ़ा दी गई है।
- सूत्रों के मुताबिक बीजेपी, कांग्रेस, सपा, बसपा और आप ने अपने कार्यक्रमों में बदलाव किये हैं।
- इस फैसले के बाद सूबे में होने वाली रैली और यात्राओं की संख्या में भी कटौती किये जाने की संभावना है।
अप्रैल में होंगे चुनावः
- जानकारों का मानना है कि नोटबंदी के प्रभाव के बीच कोई भी राजनीतिक दल चुनाव में नहीं जाना चाहता है।
- वहीं, जनवरी-फरवरी में स्कूली छात्रों की परिक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी।
- अब ऐसा माना जा रहा है कि बोर्ड परीक्षाओं के बाद ही चुनाव की तारीख घोषित की जाएगी।
- वैसे भी नोटबंदी के फैसले के बाद आम जनता की तुलना में राजनीतिक दल अधिक बेचैन नजर आ रहे हैं।