उत्तर प्रदेश चुनाव के 5 चरण समाप्त हो चुके हैं. ऐसे में अब सभी की नजरें अंतिम दो चरणों पर है जिसके बाद 11 मार्च को परिणाम घोषित किये जायेंगे. जैसे ही चुनाव नजदीक आता है नेताओं की नेताओं की बांछें खिल जाती हैं, क्योंकि शायद इन्हें बोलने की खुली छुट मिल जाती है या यूँ कहिये तो ये नेता भूल जाते हैं कि लोकतंत्र में भाषा की मर्यादा की अपनी कुछ सीमायें होती हैं.
अक्सर देखने को मिलता है कि चुनावी सभाओं में नेता ऐसा कुछ कह जाते हैं या अपने प्रतिद्वंदी के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर जाते हैं जो ना केवल अमर्यादित होता है अपितु ऐसे शब्दों का इस्तेमाल एक सभ्य समाज के लिए खतरा भी होता है.
इन तारीखों में चले जमकर जुबानी बम:
उत्तर प्रदेश चुनाव के प्रचार के दौरान कई ऐसे शब्द सुनने को मिले जो वाकई हैरान करने वाले थे. तारीखों के क्रम में अगर इनको देखा जाए तो दिन-ब-दिन ये और भी बदतर होते जा रहे हैं.
20 फ़रवरी: सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी को आतंकवादी कहा. उन्होंने कहा कि यूपी से इन दोनों आतंकियों को खदेड़ना है.
20 फ़रवरी: इसी दिन अखिलेश यादव ने ऊंचाहार की रैली में ‘गुजराती गधों‘ का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि पता नहीं महानायक अमिताभ बच्चन गुजरात के गधों का प्रचार क्यों करते हैं. जिसके बाद इस बयान को लेकर सियासत गर्म हो गई थी और अखिलेश यादव के इस बयान को अमित शाह और नरेंद्र मोदी से जोड़कर भी देखा जाना लगा था.
22 फ़रवरी: अमित शाह ने उतरौलिया की जनसभा में कहा कि ‘कसाब‘ से यूपी को मुक्त कराना है. उन्होंने कहा कि ‘कसाब’ का मतलब कांग्रेस , सपा और बसपा बताया था. जिसके बाद एक बार फिर इस प्रकार के बयानों पर बहस गर्म हुई थी.
23 फ़रवरी: बसपा सुप्रीमो मायावती ने अम्बेडकरनगर की सभा में अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा था कि अमित शाह जैसा कसाब कोई नहीं है.
26 फ़रवरी: बसपा में हाल में ही शामिल हुए अफजाल अंसारी ने चंदौली में एक चुनावी सभा के दौरान एक शेर पढ़ा, जिसके बाद पीएम मोदी द्वारा गधे से प्रेरणा लेने वाली बात पर तंज कसते हुए कहा कि पीएम तो खुद ही अपने को गधा बोल रहे हैं, जबकि अमित शाह को गुजराती गैंडा बोला. अफजाल अंसारी ने अखिलेश यादव को लल्लू और राहुल गाँधी को पप्पू कह दिया. यही नहीं उन्होंने डिम्पल यादव पर भी तंज कसा और कहा कि लड़के तो भौजी-भौजी कहकर उनके पीछे पड़े रहते हैं.