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पश्चिमी यूपी में पहले चरण में जिन 15 जिलों में चुनाव होने हैं, उनमें हापुड़ भी है. हापुड़ जनपद में 3 विधानसभा सीटों पर चुनाव 11 फ़रवरी को होने हैं. जिले की धौलाना सीट पहले गाजियाबाद सीमा में थी लेकिन अब ये हापुड़ जिले के अन्तर्गत ही आती है. इस जिले की 3 सीटों पर जनता-जनार्दन के मुड का जायजा लेने हमारे संवाददाता सादिक खान uttarpradesh.org की टीम के साथ पहुंचे और ये जानने की कोशिश की, मतदाता किस दल और किस प्रत्याशी को इन विधानसभा क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व करने का मौका दे सकती है.
हापुड़ की 3 सीटों की जमीनी हकीकत:
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हापुड़:
हापुड़ जिले की जमीनी हक़ीक़त जानने पहुंचे हमारे संवाददाता सादिक खान ने यहाँ के लोगों की नब्ज टटोलने की कोशिश की. हापुड़ की सीट पर कांग्रेस व सपा के प्रत्याशी गजराज सिंह चुनाव मैदान में हैं जो तीन बार विधायक रह चुके हैं. सपा के साथ आने से मुस्लिम समाज पर इनकी नजर जमी हुई है. वहीँ बसपा ने यहाँ श्रीपाल सिंह को मैदान में उतारा है, जिनको दलित वर्ग से ज्यादा उम्मीद है. जबकि भाजपा ने यहाँ विजयपाल आढ़ती को मैदान में उतारा है.रालोद ने यहाँ अंजू मुस्कान को मैदान में उतारा है जो दलित वर्ग का प्रतिनिधित्व करती हैं.
ऐसे में यहाँ त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. वहीँ क्षेत्र की जनता के अनुसार, मुख्य मुकाबला कांग्रेस व बीजेपी के बीच देखा जा रहा है.
धौलाना:
अगर बात करें धौलाना विधानसभा की तो यहाँ बसपा ने असलम चौधरी को मैदान में उतारा है जो दलित व मुस्लिम वोटरो का भरोसा जीतने की कोशिश कर रहे है. वहीं सपा-कांग्रेस गठबंधन ने मौजूदा विधायक धर्मेश तोमर को मैदान में उतारा है. जबकि भाजपा ने चार बार सांसद रहे रमेश चन्द्र तोमर मैदान में उतारा है जो पीएम मोदी के विकास के एजेंडे के साथ एक और जीत की उम्मीद लगाये बैठे हैं. रालोद ने नगेंद्र तोमर को मैदान में उतार दिया है.
यहाँ जनता के लिए मुद्दा क्षेत्र में विकास है. जातीय आधार पर चुनावी समीकरण तैयार करने में भी प्रत्याशी जुटे हुए हैं. स्थानीय नागरिकों के अनुसार यहाँ मुकाबला बसपा और भाजपा के बीच बना हुआ है.
गढ़मुक्तेश्वर:
गढ़मुक्तेश्वर विधानसभा पर बसपा ने प्रशांत चौधरी को मैदान में उतारा है. जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन ने मंत्री मदन चौहान को मैदान में उतारा है जो प्रशांत चौधरी के साथ सीधे मुकाबले में बने हुए हैं. रालोद ने अय्यूब अली को मैदान में उतारा है जो अकेले मुस्लिम प्रत्याशी है और मुस्लिम वोट को अपनी तरफ झुकाने के पूरे प्रयास करते नजर आ रहे हैं. यहाँ बीजेपी ने कमल मलिक को मैदान में उतारा है. मुकाबले को रोचक बनाते हुए सपा में रह चुके सतपाल यादव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतर आये हैं.
इस सीट पर सपा व बसपा की मजबूत दावेदारी है तो वही बीजेपी प्रत्याशी भी कड़ी टक्कर देने के लिये मैदान में मजबूती से डटा हुआ है. यहाँ मुकाबला त्रिकोणीय होता दिखाई दे रहा है और कई स्थानीय लोगों का मानना है कि हार-जीत का अंतर बहुत ज्यादा नहीं होगा.
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