उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने गठबंधन कर लिया है। गठबंधन के तहत सपा 298 और कांग्रेस 105 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। हालाँकि, चुनाव से पहले कांग्रेस यूपी में इतनी कमजोर नहीं लग रही थी कि, पार्टी को गठबंधन करना पड़ता। इसके साथ ही कांग्रेस ने यूपी चुनाव से पहले कुछ गलतियाँ की हैं, जो उसे भारी नुक्सान पहुंचा सकती है।
कांग्रेस की पहली गलती:
- यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस की सबसे पहली गलती जो शायद सबसे बड़ी है।
- जब कांग्रेस ने माहौल बनाकर खुद को ढीला कर दिया।
- लखनऊ में राहुल गाँधी का रैंप शो, किसान यात्रा के दौरान 1600 किमी की जगह 2229 किमी चलना।
- किसान यात्रा के दौरान राहुल ने 12 रोड शो, 17 खाट सभा, 500 छोटी सभाओं को संबोधित किया।
- 2 करोड़ किसानों के मांग पत्र भरे गए।
- लेकिन कांग्रेस इसके बाद ऐसी सुस्त पड़ी कि, जनता से जुड़ने वाला एक भी काम नहीं किया गया।
कांग्रेस की दूसरी गलती:
- यूपी में मौजूदा समय में 40 फ़ीसदी युवा हैं, वहां 78 साल की शीला दीक्षित को उम्मीदवार बनाया गया है।
- पार्टी ने युवाओं को ध्यान में रखकर ही 68 साल के राज बब्बर को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था।
- यूपी में 18 फ़ीसदी सवर्ण वोटर हैं, जिसमें से 11 फ़ीसदी ब्राह्मण मतदाता हैं, पूर्वांचल में सवर्णों का प्रभुत्व है।
- वहीँ गठबंधन के बाद अखिलेश ही सीएम का चेहरा होंगे, जिससे ब्राह्मण वोट भी अपना हाथ खींच लेगा।
कांग्रेस की तीसरी गलती:
- पार्टी के चुनावी रणनीतिकार जिस काम के लिए हायर किये गए थे, वो उसके उलट काम कर रहे हैं।
- पीके को यूपी चुनाव के लिए रणनीति बनाने के लिए कहा गया था।
- लेकिन पीके रणनीति छोड़कर बिहार की तर्ज पर गठबंधन की सरकार बनवा रहे हैं।
कांग्रेस की चौथी गलती:
- गठबंधन का काम कांग्रेस की ओर से पार्टी के नीचे के नेताओं को दिया गया था।
- जबकि सपा कि ओर से अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव गठबंधन की बातचीत कर रहे थे।
- सूत्रों के अनुसार, राहुल और अखिलेश के बीच गठबंधन की पूरी बात मेल के जरिये हुई है।
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