अखिलेश यादव भले ही विकास की बात कर रहे हों और दागियों को टिकट ना देने की बात कर रहे हों लेकिन अखिलेश यादव की 191 उम्मीदवारों की सूची ने काफी हद तक इस दावे की पोल खोल दी है. साल 2015 में पत्रकार जगेंद्र सिंह को कथित रूप से आग के हवाले किये जाने में राममूर्ति वर्मा का नाम आया था, अब अखिलेश ने इनको 2017 विधानसभा चुनाव में ददरौल से टिकट दे दिया है.
अखिलेश सरकार में मंत्री रहे राममूर्ति वर्मा पर पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या का आरोप लगा था. कथित रूप से जगेंद्र सिंह को राममूर्ति और उनके गुर्गों ने तक आग के हवाले कर दिया था जब जगेंद्र ने राममूर्ति को लेकर 29 मई 2015 को फेसबुक पर पोस्ट किया था.
पुलिस की कार्यवाई की संदेह के घेरे में:
- मंत्री राममूर्ति वर्मा के खिलाफ खबर लिखने वाले पत्रकार जगेंद्र सिंह की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी.
- जगेंद्र ने राममूर्ति और उनके गुर्गों की करतूतों पर खबर लिखी थी.
- जिसके बाद जगेंद्र को कथित रूप से आग के हवाले कर दिया गया.
- पत्रकार ने लिखा था राममूर्ति वर्मा अपने गुर्गों की मदद से जमीन हड़पने से लेकर अवैध खनन जैसे गैरकानूनी कामों में लिप्त हैं.
- जगेंद्र ने राममूर्ति के खिलाफ फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी.
- जिसके बाद कथित रूप से जगेंद्र के खिलाफ लूट और अपहरण कोशिश का मामला दर्ज किया गया.
- पुलिस पर कथित तौर पर आरोप लगा कि पत्रकार के घर मारपीट करने के बाद पुलिस ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी.
- जबकि पूरे मामले पर अखिलेश यादव का गैरजिम्मेदाराना रवैया भी विपक्षी दलों की नजरों में था.
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