समाजवादी पार्टी के लिए आज का शक्ति परीक्षण का माना जा रहा है। रजत जयंती समारोह के बहाने मुलायम यूपी मे बिहार की तर्ज पर महागठबंधन की आधारशिला रखने की कोशिश कर रहे है। वही, भाजपा समेत अन्य विपक्षी दल टकटकी लगाये बैठे हैं, अगर महागठबंधन पर बात बन सकी, तो यूपी की सियासत मे बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।
- यूपी की सियासत मे चार मुख्य राजनीतिक पार्टियां मैदान में है।
- पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बडी ताकत बन कर उभरी है।
- उसके पास यूपी मे 80 मे से 73 सांसद है, केन्द्रीय मंत्रियों की भारी भरकम फौज है।
- इसके अलावा मोदी के नाम के साथ उसकी स्थिति बेहद मजबूत है।
- वहीं, पीके के आने के बाद कांग्रेस भी नए कलेवर में रंगी हुई नजर आ रही है।
- इधर सपा की कलह का सबसे अधिका फायदा मायावती को हुआ है।
- सपा से मोहभंग होने के बाद सूबे का मुस्लिम मतदाता मायावती की तरफ आकर्षित हुआ है।
- सबसे बड़ी बात की कानून व्यवस्था के मुद्दे पर लोगो की नाराजगी झेल रही सपा आपसी फूट से और कमजोर हुई है।
- इस सियासी संकट में मुलायम को एक बार फिर अपने पुराने साथियों की याद आई है।
महागठबंधन पर साफ हो जायेगी तस्वीरः
- हालांकि भाजपा और बसपा महागठबंधन की सफलता पर सवाल उठा रहें हैं।
- मायावती पहले ही महागठबंधन के वजूद को लेकर सवाल खड़े कर चुकी हैं।
- वहीं, भाजपा का कहना है कि आज बीजेपी से भयभीत लोगों का एक मंच पर जमावड़ होने जा रहा है।
- भाजपा ने महागठबंधन के वजूद को सिरे से नकार दिया है।
- अब दोपहर तक तस्वीर काफी हद तक साफ हो जायेगी।
- दोपहर तक नतीजे सामने होंगे कि मुलायम का यह नया दांव कितना कामयाब होता है।
- मुलायम पुराने साथियों का विश्वास वापस हासिल करने में कामयाब होंगे या नहीं।
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