केन्द्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के तमाम राजनीतिक दलों की तैयारियों को झटका लगा है। इसके साथ ही यूपी में पूरे दमखम के साथ मैदान में जाने का दम भर रही कांग्रेस का चुनाव अभियान भी अब ठण्डा हो गया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज दिल्ली स्थित अपने आवास पर उत्तर प्रदेश के बड़े कांग्रेस नेताओं की बैठक बुलाई। इस बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर और प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद मौजूद रहें। इसके अलावा प्रियंका गांधी भी बैठक में शामिल हुईं।
- 27 साल यूपी बेहाल का नारा के साथ निकली कांग्रेस अब खुद बेहाल होती नजर आ रही है।
- उसे सबसे बड़ा झटका अपनी ही पार्टी के रणनीतिकार प्रशान्त किशोर की तरफ से लगा है।
- यूपी में पीके ने मुलायम और शिवपाल के साथ मुलाकात कर पार्टी कार्यकर्ताओं को असमंजस में डाल दिया है।
- वहीं, पीके और कांग्रेस नेताओं के बीच की तरकार किसी से छिपी नहीं है।
- पार्टी के बड़े नेता पीके पर बिना सलाह-मशवरा अपनी मनमानी थोपने का आरोप लगाते रहें हैं।
- प्रशान्त किशोर सीधे प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी से संपर्क साधते हैं।
- इसके बाद तो पीके कई कांग्रेसी नेताओं के निशाने पर रहते हैं।
- वहीं, चुनाव से पहले पार्टी में चुनावी खर्च को लेकर भी खींचतान है।
उल्टा पड़ा बयानः
- कांग्रेस उपाध्यक्ष राहलु गांधी की किसान यात्रा के बाद से मामला ठण्डा हो गया है।
- 27 सालों बाद सत्ता की बाट जोह रही कांग्रेस का प्रचार अभियान अधर में लटक गया है।
- कांग्रेस में अभी भी इस बात को लेकर असमंजस बरकरार है कि प्रियंका वाड्रा चुनाव प्रचार करेंगी या नहीं।
- इसके साथ ही राहुल गांधी का खून की दलाली वाला बयान भी अब उल्टा पड़ गया है।
- भाजपा ने राहुल के बयान को बचकाना साबित करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी।
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