उत्तर प्रदेश की सियासत में अपनी जमीन तलाश रही कांग्रेस इस चुनाव में पूरे दमखम से उतरने की तैयारी कर रही है। पिछले 27 सालों से यूपी की सत्ता से बेदखल रही कांग्रेस चुनाव प्रचार में बाकी सभी दलों से आगे रहना चाहती है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश में बतौर सीएम कैंडिडेट उतारने के बाद ’27 साल यूपी बेहाल’ यात्रा के साथ कांग्रेस पहले ही अन्य दलों से आगे चल रही है।
- अब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ सभाएं करने जा रहें हैं।
- राहुल गांधी की यह चुनावी सभाएं सितंबर के पहले हफ्ते से शुरू होंगी।
- कांग्रेस उपाध्यक्ष अपनी सभाओं की शुरूआत देवरिया से करने जा रहें हैं।
- इसके साथ ही कांग्रेस आलाकमान ने अपने उपाध्यक्ष की पूर्वांचल में होने वाली सभाओं के लिए राजेश मिश्रा को प्रभारी बनाया है।
- राजेश मिश्रा इस समय पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभा रहें हैं।
- यूपी में होने वाली राहुल गांधी की चुनावी सभाओं की जिम्मेदारी भी राजेश मिश्रा को दी गई है।
ब्राहम्ण वोटरों पर नजरः
- यूं तो जैसे-जैसे यूपी में विधानसभा चुनाव करीब आते जा रहें हैं, सभी दलों ने अपना जातीय समीकरण दुरूस्त करना शुरू कर दिया है।
- कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशान्त किशोर ने ब्राह्मण-मुस्लिम समीकरण के सहारे यूपी की नैया पार लगाने की रणनीति बनाई है।
- कांग्रेस की नजर सूबे के 12% ब्राहम्ण वोटरों पर टिकी हुई है।
- सूबे के ब्राहम्ण वोटरों को कांग्रेस अपने पाले में करना चाहती है।
- प्रदेश मे ब्राहम्णो को कांग्रेस से जोड़ने के लिए सम्मेलन करने की योजना बनी है।
- जिसकी शुरूआत 2 सितंबर को इलाहाबाद से होने वाली है।
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