उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी ने सत्ता के लिए गणित लगाना शुरू कर दिया है।
दलित-ब्राह्मण-मुस्लिम समीकरण पर बसपा सुप्रीमो की नजर:
- उत्तर प्रदेश की बहुजन समाज पार्टी ने यूपी के सिंहासन के लिए गठजोड़ बनाना शुरू कर दिया है।
- जिसके तहत बसपा सुप्रीमो दलित-ब्राह्मण-मुस्लिम के गठजोड़ पर पूरा फोकस कर रही हैं।
- बसपा सुप्रीमो को इस बात का एहसास है कि, दलित-ब्राह्मण-मुस्लिम के गठजोड़ के सहारे यूपी की सत्ता पाई जा सकती है।
ब्राह्मण समाज की बुलाई गयी बैठक:
- बसपा सुप्रीमो आगामी यूपी विधानसभा के चुनाव में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती हैं।
- जिसके लिए रविवार को पार्टी में ब्राह्मण समाज की बैठक बुलाई गयी है।
- बैठक में सूबे के सभी ब्राह्मण को-ऑर्डिनेटर्स को बुलाया गया है।
- बैठक की अध्यक्षता बसपा का ब्राह्मण चेहरा सतीश चंद्र मिश्र करेंगे।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी साधेंगे मुस्लिम वोटर्स:
- यूपी के विधानसभा चुनाव में बसपा दलित-ब्राह्मण-मुस्लिम के सहारे अपनी नांव पार लगाने की कोशिश करती दिखाई दे रही है।
- पार्टी में बसपा सुप्रीमो खुद दलितों का चेहरा हैं।
- इसके अतिरिक्त सतीश चन्द्र मिश्र ब्राहमण वोटर्स के लिए चेहरा होंगे।
- वहीँ बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी उत्तर प्रदेश के मुस्लिमों को साधने का काम करेंगे।
पांच साल बाद दलित-ब्राह्मण-मुस्लिम गठजोड़ पर नजर:
- यूपी के चुनाव में दलित, ब्राह्मण और मुस्लिम वोटर्स हमेशा से निर्णायक भूमिका में रहते हैं।
- बहुजन समाज पार्टी अब यह समझ चुकी है, इसलिए बसपा सुप्रीमो की नजर दलित-ब्राह्मण-मुस्लिम के गठजोड़ पर टिक गयी है।
- हालाँकि, बसपा सुप्रीमो मायावती ने लम्बे समय से ब्राह्मणों से किनारा कर रखा है।
- 2012 विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही ब्राह्मण वोटर्स से बसपा सुप्रीमो ने दूरी बना ली थी।
- पांच साल बाद पार्टी का ब्राह्मण चेहरा सतीश चन्द्र मिश्र चुनाव के तहत ब्राह्मण समाज के को-ऑर्डिनेटर्स की मीटिंग करेंगे।
- अब बसपा सुप्रीमो को इस बात का अहसास हो गया है कि, दलित-ब्राह्मण-मुस्लिम के जरिये ही यूपी के सिंहासन को पाया जा सकता है।
- इसी वजह से बसपा नेता सतीश चन्द्र मिश्र ने पार्टी के सभी ब्राह्मण को-ऑर्डिनेटर्स की बैठक बुलाई है।
- इसके अतिरिक्त सतीश चन्द्र मिश्र जल्द ही जिला स्तर पर ब्राह्मण को-ऑर्डिनेटर्स की मीटिंग भी कर सकते हैं।
- मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को मुस्लिम वोटर्स को साधने का काम पहले ही सौंप रखा है।
- गौरतलब है कि, बसपा सुप्रीमो ने विधानसभा चुनाव के 173 टिकट मुस्लिम प्रत्याशियों को बांटे हैं।
- उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों का वोट बैंक 16 फ़ीसदी है, जबकि ब्राह्मण 14 फ़ीसदी हैं।
- गौर करने वाली बात यह भी है कि, मायावती ने इस बार सिर्फ 31 ब्राह्मण प्रत्याशियों को ही मैदान में उतारा है।
- हालाँकि, अब सतीश चन्द्र मिश्र को जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद यह संख्या करीब 70 हो सकती है।
- ऐसा कहा जा सकता है कि, मायावती के दो सिपहसलार सतीश चन्द्र मिश्र और नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बड़ी जिम्मेदारी मिली है।
- यदि बसपा सुप्रीमो के दोनों सिपहसलार अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा पाए तो मायावती एक बार फिर से यूपी की सत्ता पर काबिज़ हो पायेंगी।
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